हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों और निर्मल संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज के नेतृत्व में बैरागी कैंप घाट और सती घाट पर गंगा सफाई अभियान चलाया। इस दौरान संतों ने गंगा में फैले पुराने कपड़े,पॉलीथीन आदि गंगा से बाहर निकाले और सभी से गंगा को स्वच्छ,निर्मल,अविरल बनाए रखने की अपील की। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि मानवीय गलतियों के चलते गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है। गंगा को स्वच्छ,निर्मल,अविरल बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए गंगा में किसी भी प्रकार की गंदगी,पुराने कपड़े,पॉलीथीन आदि ना डालेें। दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के प्रति प्रेरित करें। महंत निर्भय सिंह व स्वामी केशवानंद ने कहा कि गंगा भारत की धरोहर है। मोक्षदायिनी मां गंगा जगत की पालनहार है। गंगा जल के दर्शन,आचमन और गंगाजल में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। सभी के सहयोग से ही गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाया जा सकता है। गंगा सफाई में महंत रंजय सिंह, महंत गुरमीत सिंह,संत बलवीर सिंह,महंत रवि सिंह व निर्मल संस्कृत विद्यालय के छात्र शामिल रहे।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने चलाया गंगा सफाई अभियान
हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों और निर्मल संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज के नेतृत्व में बैरागी कैंप घाट और सती घाट पर गंगा सफाई अभियान चलाया। इस दौरान संतों ने गंगा में फैले पुराने कपड़े,पॉलीथीन आदि गंगा से बाहर निकाले और सभी से गंगा को स्वच्छ,निर्मल,अविरल बनाए रखने की अपील की। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि मानवीय गलतियों के चलते गंगा लगातार प्रदूषित हो रही है। गंगा को स्वच्छ,निर्मल,अविरल बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए गंगा में किसी भी प्रकार की गंदगी,पुराने कपड़े,पॉलीथीन आदि ना डालेें। दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के प्रति प्रेरित करें। महंत निर्भय सिंह व स्वामी केशवानंद ने कहा कि गंगा भारत की धरोहर है। मोक्षदायिनी मां गंगा जगत की पालनहार है। गंगा जल के दर्शन,आचमन और गंगाजल में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। सभी के सहयोग से ही गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाया जा सकता है। गंगा सफाई में महंत रंजय सिंह, महंत गुरमीत सिंह,संत बलवीर सिंह,महंत रवि सिंह व निर्मल संस्कृत विद्यालय के छात्र शामिल रहे।