हरिद्वार। श्रीगोपीनाथ लाल जी मंदिर में शांति वैष्णव यज्ञ विगत एक सितंबर से आरंभ होकर 9 सितंबर को संत महापुरुषों की गरिमामय उपस्थित के बीच संपन्न हुआ। गोस्वामी सती केवल राम खेवड़िया वाले तथा गोस्वामी संत लाल जी महाराज गोस्वामी श्रीप्रीतम लाल जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान की गंगा थे, उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य किया करते थे। उनकी इस परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाते हुए गोलोकवासी गोस्वामी लखन दास जी महाराज,श्रीगोस्वामी रामलाल जी महाराज, गोस्वामी मनोहर लाल जी महाराज, गोस्वामी निरंजन लाल जी महाराज, गोस्वामी श्री प्रीतम लाल जी महाराज सदैव गुरुजनों के बताये मार्ग पर चलते रहे और गुरु जनों द्वारा स्थापित परंपरा को निरंतर सनातन पताका फहराते हुए आगे बढ़ाते रहे। भक्तों को सत्संग और धर्म कर्म के मार्ग से कल्याण का मार्ग दिखाते रहे। गोस्वामी गोपाल लाल गोस्वामी सुधाकर लाल गोस्वामी कुंज बिहारी लाल गोस्वामी तपन लाल गोस्वामी श्याम लाल गोस्वामी जय लाल गोस्वामी मोहनलाल सत्संग धर्म कर्म तथा भजन के माध्यम से भक्तों को सत्य की राह दिखा रहे हैं। इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमहंत रघुवीर दास ने कहा संत श्रीलाल जी महाराज की महिमा धर्म और आध्यात्मिक के क्षेत्र में सूर्य के सामान प्रकाशमान है। उनके ज्ञान की पताका आज संपूर्ण विश्व में सनातन के रूप में प्रवाहित हो रही है। ऐसे तपस्वी तेजस्वी ज्ञान मूर्ति संतों का सानिध्य बड़े ही भाग्य से प्राप्त होता है। महंत सूरज दास जी महाराज ने कहा सत्य की राह पर चलना कठिन है परंतु गुरुजन धर्म कर्म की राह दिखाकर इस पथ को आसान कर देते हैं। गुरु के मार्गदर्शन के बिना ईश्वर तक पहुंच पाना संभव नहीं। इस अवसर पर महंत शुभम गिरी,स्वामी प्रेमानंद महाराज, महंत दिनेश दास,महंत रवि देव महाराज,महंत सुतीक्ष्ण मुनि ,महंत सूरज दास, सहित अनेको संतों ने श्रद्वालुओं कोे आशीष वचन दिए।
संत श्रीलाल जी की महिमा ज्ञान और अध्यात्म के क्षेत्र में सूर्य के सामान प्रकाशमान- श्रीमहंत रघुवीर दास
हरिद्वार। श्रीगोपीनाथ लाल जी मंदिर में शांति वैष्णव यज्ञ विगत एक सितंबर से आरंभ होकर 9 सितंबर को संत महापुरुषों की गरिमामय उपस्थित के बीच संपन्न हुआ। गोस्वामी सती केवल राम खेवड़िया वाले तथा गोस्वामी संत लाल जी महाराज गोस्वामी श्रीप्रीतम लाल जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान की गंगा थे, उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य किया करते थे। उनकी इस परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाते हुए गोलोकवासी गोस्वामी लखन दास जी महाराज,श्रीगोस्वामी रामलाल जी महाराज, गोस्वामी मनोहर लाल जी महाराज, गोस्वामी निरंजन लाल जी महाराज, गोस्वामी श्री प्रीतम लाल जी महाराज सदैव गुरुजनों के बताये मार्ग पर चलते रहे और गुरु जनों द्वारा स्थापित परंपरा को निरंतर सनातन पताका फहराते हुए आगे बढ़ाते रहे। भक्तों को सत्संग और धर्म कर्म के मार्ग से कल्याण का मार्ग दिखाते रहे। गोस्वामी गोपाल लाल गोस्वामी सुधाकर लाल गोस्वामी कुंज बिहारी लाल गोस्वामी तपन लाल गोस्वामी श्याम लाल गोस्वामी जय लाल गोस्वामी मोहनलाल सत्संग धर्म कर्म तथा भजन के माध्यम से भक्तों को सत्य की राह दिखा रहे हैं। इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमहंत रघुवीर दास ने कहा संत श्रीलाल जी महाराज की महिमा धर्म और आध्यात्मिक के क्षेत्र में सूर्य के सामान प्रकाशमान है। उनके ज्ञान की पताका आज संपूर्ण विश्व में सनातन के रूप में प्रवाहित हो रही है। ऐसे तपस्वी तेजस्वी ज्ञान मूर्ति संतों का सानिध्य बड़े ही भाग्य से प्राप्त होता है। महंत सूरज दास जी महाराज ने कहा सत्य की राह पर चलना कठिन है परंतु गुरुजन धर्म कर्म की राह दिखाकर इस पथ को आसान कर देते हैं। गुरु के मार्गदर्शन के बिना ईश्वर तक पहुंच पाना संभव नहीं। इस अवसर पर महंत शुभम गिरी,स्वामी प्रेमानंद महाराज, महंत दिनेश दास,महंत रवि देव महाराज,महंत सुतीक्ष्ण मुनि ,महंत सूरज दास, सहित अनेको संतों ने श्रद्वालुओं कोे आशीष वचन दिए।