हरिद्वार। अभियांत्रिकी,उद्योग तथा हस्तशिल्प के आराध्य भगवान विश्वकर्मा का जयंती दिवस, आज बीएचईएल हरिद्वार में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में बीएचईएल हरिद्वार की दोनों इकाइयों,हीप तथा सीएफएफपी स्थित वर्कशॉप एवं कार्यालयों में‘श्री विश्वकर्मा पूजन’का आयोजन किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक टी.एस.मुरली ने दोनों ही इकाइयों में आयोजित पूजा अनुष्ठानों में भाग लिया। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर सभी कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए,टी.एस.मुरली ने कहा कि विश्वकर्मा पूजन हमें संदेश देता है कि पूर्ण समर्पण के साथ किया गया कार्य,ईश्वर की उपासना के समान होता है। उन्होंने कहा कि आदि शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा तथा उनका आर्शीवाद प्राप्त कर,हम अपनी शिल्पकला यानि उत्पाद और उत्पादन को और निखार सकते हैं। श्री मुरली ने कहा कि हर बीएचईएल कर्मी अपने इस संस्थान के लिए,एक कुशल शिल्पी की भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर बीएचईएल लेडीज क्लब की संरक्षिका श्रीमती टी.सौम्या,बीएचईएल के महाप्रबंधकगण,अन्य वरिष्ठ अधिकारी,कर्मचारी तथा यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
(बीएचईएल में उल्लासपूर्वक मनाई गई विश्वकर्मा जयंती)
हरिद्वार। अभियांत्रिकी,उद्योग तथा हस्तशिल्प के आराध्य भगवान विश्वकर्मा का जयंती दिवस, आज बीएचईएल हरिद्वार में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में बीएचईएल हरिद्वार की दोनों इकाइयों,हीप तथा सीएफएफपी स्थित वर्कशॉप एवं कार्यालयों में‘श्री विश्वकर्मा पूजन’का आयोजन किया गया। बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक टी.एस.मुरली ने दोनों ही इकाइयों में आयोजित पूजा अनुष्ठानों में भाग लिया। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर सभी कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए,टी.एस.मुरली ने कहा कि विश्वकर्मा पूजन हमें संदेश देता है कि पूर्ण समर्पण के साथ किया गया कार्य,ईश्वर की उपासना के समान होता है। उन्होंने कहा कि आदि शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा तथा उनका आर्शीवाद प्राप्त कर,हम अपनी शिल्पकला यानि उत्पाद और उत्पादन को और निखार सकते हैं। श्री मुरली ने कहा कि हर बीएचईएल कर्मी अपने इस संस्थान के लिए,एक कुशल शिल्पी की भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर बीएचईएल लेडीज क्लब की संरक्षिका श्रीमती टी.सौम्या,बीएचईएल के महाप्रबंधकगण,अन्य वरिष्ठ अधिकारी,कर्मचारी तथा यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।