राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष में हुई थी एनएसएस की स्थापना


 हरिद्वार। भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में एनएसएस स्वयंसेवियों द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेन्द्र दत्त अंथवाल एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी दीपक धीमान ने देवी सरस्वती चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम अधिकारी दीपक धीमान ने स्वयं सेवियों के कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एनएसएस का आदर्श वाक्य नॉट मी बट यू लोकतांत्रिक जीवन के सार को दर्शाता है। एनएसएस का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक सेवा के ज़रिए अपने व्यक्तित्व का विकास करने का मौका देना है। उन्होंने बताया कि एनएसएस की शुरुआत 24सितम्बर 1969 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी पर हुई थी। प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवी को कम से कम 120घंटे समाज सेवा कार्य करना होता है। दो साल में 240घंटे का समाज सेवा कार्य पूरा करने पर छात्रों को उनके शैक्षिक संस्थान से प्रमाण पत्र दिया जाता है। एनएसएस के ज़रिए सरकार की कई सामुदायिक सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयंसेवी निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां केवल कागजों पर ही नहीं बल्कि व्यावहारिक रूप से भी जीवन में आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार सभी कार्यक्रमों की मुख्य थीम पर्यावरण में स्वच्छता का प्रभाव रहेगी। स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के बाद सभी स्वयंसेवियों ने विद्यालय में सफाई अभियान भी चलाया जाएगा। कार्यक्रम में अमित कुमार,प्रवीण कुमार,रुद्र प्रताप शास्त्री,मनीष खाली आदि शामिल रहे।