हरिद्वार। भूपतवाला स्थित दयाधाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भास्कारनंद महाराज ने कहा कि दयाधाम सदैव मानव सेवा के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्यनुसार हमेशा गरीब, असहायों, निराश्रितों की सेवा में सहयोग करना चाहिए। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि सेवा और सत्य का मार्ग ही कल्याण का मार्ग है। सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने वालों को ही ईश्वर का सानिध्य और उनकी कृपा प्राप्त होती है। संतों के सानिध्य में प्राप्त ज्ञान से ही व्यक्ति का कल्याण होता है। धर्म और अध्यात्म की नगरी हरिद्वार के संतों ने सदैव समाज का मार्गदर्शन कर धर्म और अध्यात्म की राह दिखायी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन धर्म संस्कृति है। जब-जब मानवता पर संकट आया है। सनातन धर्म संस्कृति ने हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका निभायी है। सनातन धर्म संस्कृति की अनूठी विशेषताओं के चलते आज पाश्चात्य देशों के लोग भोगवादी संस्कृति को छोड़कर सनातन धर्म संस्कृति को अपना रहे हैं।
सेवा और सत्य का मार्ग ही कल्याण का मार्ग है-स्वामी भास्करानंद