हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निंरजऩीे के ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी की षोड़शी के अवसर पर अखाड़े के संतों ने उन्हें भावूपर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के साथ ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी ने अखाड़े की परंपरांओं को समृद्ध करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी भले ही इस संसार में उपस्थित नहीं है। लेकिन उनकी शिक्षाएं और धर्म संस्कृति के प्रति योगदान सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी ने सदैव संत परंपरांओं का पालन करते हुए समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर किया। अखाड़े की प्रगति में भी उनका अहम योगदान रहा। उनका आदर्शपूर्ण जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा। महंत नरेश गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी धर्म और अध्यात्म के विलक्षण विद्वान संत थे। समाज का मार्गदर्शन करने के साथ सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। स्वामी राजगिरी,स्वामी रविपुरी,स्वामी उमेश गिरी,स्वामी रघुवन,स्वामी गंगा गिरी,स्वामी आशुतोष पुरी आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत लेखराज गिरी-श्रीमहंत रविंद्रपुरी