राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मोनिटर ने किया ऑगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण

 पोषण पैकेज में मिली अनियमितता,15 की जगह केवल 06 किलों बॉटने का मामला


हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मोनिटर बालकृष्ण गोयल ने आंगनबाड़ी केंद्र एवं चैनसराय हॉस्पिटल स्थित शिशु अस्पताल का भ्रमण किया। आंगनबाड़ी केंद्र सराय 03बहादराबाद में बच्चों को दी जाने वाली पोषण पैकेज का निरीक्षण किया,निरीक्षण के दौरान रिकार्ड रजिस्टर में अंकन किए गए विवरण पूर्ण नहीं थे,जिस पर उनके द्वारा नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा की बहुत ही लापरवाही का द्योतक हैं,उन्होंने एक बच्चे का रिकार्ड रजिस्टर पर बच्चे का पोषण पैकेज पर 15.5किलो दिखाया जा रहा था जो धरातल पर वेट किए जाने पर 6किलो का निकला,जिसको उन्होंने गंभीरता से लिया। उन्होने सख्त निर्देश दिए कि पोषण पैकेज के सारे रिकॉर्ड सारे डेटा को जल्द ही दुरुस्त करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जो भी अधिकारी हैं चाहे वह डीपीआर का हो या सुपरवाइजर का,अगर वह निरीक्षण करता हैं तो निरीक्षण रजिस्ट्रेशन रजिस्टर में कोई भी टिप्पणी अंकित नहीं की जा रही है, कैसे माना जाएगा की आंगनबाड़ी केंद्रों का उनके द्वारा निरीक्षण हो रहा है। इस संबंध में डीपीआरओ सुलेखा सहगल को सख्त निर्देश दिए कि रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात सभी माताओं एवं धात्री माताएं को भारत सरकार एवं राज्य सरकार की उनसे जुड़ी सभी योजनाओं की जानकारी दें, चाहें वो पोषण की हो अथवा टीके वैक्सिनेशन की हो कि उनको सरकार द्वारा क्या क्या सुविधाएं दी जा रही हैं।  इसके पश्चात रेलवे स्टेशन रोड स्थित चेनराय महिला हॉस्पिटल हर मिलाप का निरीक्षण किया,जहां उन्होंने मरीज से भेंट की तथा उनसे दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता,डॉक्टर,नर्स द्वारा किए जा रहे व्यवहार तथा निशुल्क दी जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्टाफ की नर्सो से भी उनकी समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। डॉक्टर चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने अवगत कराया कि जल्द ही 200 बेड का अस्पताल खुलने जा रहा है जिससे जनपद को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी। स्पेशल मोनिटर बाल कृष्ण गोयल ने बताया की सभी जिलों की रिपोर्ट को जल्द ही सबमिट की जाएगी। मुख्य सचिव तथा राज्य सरकार को हिदायत दी जाती है कि वह निरीक्षण के दौरान जो भी कमियां पाई गई उसे जल्द से जल्द ठीक करें। उसके बाद दोबारा टेक एक्शन रिपोर्ट मांगी जा सकती है उसमें जो कमियां दूर हो गई हैं तो ठीक है नहीं तो एनएचआरसी दोबारा अपनी टीम को भेज कर धरातल पर दोबारा मूल्यांकन कर सकती है। बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक अनूठी पहल है जो अब ग्राउंड जीरो से कार्य कर रही है इन चीजों का अवलोकन करते हैं। उत्तराखंड को तमिलनाडु से तमिलनाडु को आंध्र प्रदेश से आंध्र प्रदेश को जम्मू कश्मीर से आपस में मूल्यांकन करके बता सकते हैं कि कौन सा राज्य अच्छी चीज कर रहा है उत्तराखंड में जो कमियां है जल्द ही ठीक की जाएगी। इससे पूर्व राजकीय अतिथि गृह डामकोठी में अपर जिला अधिकारी पी.एल.शाह,निहारिका सेमवाल,जेल अधीक्षक मनोज कुमार,डीपीआरओ सुलेखा सहगल,अविनाश भदौरिया,अंशुल राठी से अपने अन्य राज्यों में देखे गए बदलाव एवं विचार साझा किए।