हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला के समापन सत्र का शुभारंभ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या,छत्तीसगढ़ की कैबीनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े व गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मंडल की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यशाला में छत्तीसगढ के 33 व ओडिशा के 30 जिलों के कार्यकर्त्ता प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ व ओडिशा के सभी गांवों में वर्ष 1926 से सतत प्रज्वलित दिव्य अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज को पहुुंचाने के लिए संकल्प दिलाया गया। इस दौरान सात शक्ति कलश का पूजन किया गया। समापन सत्र की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की महिला,बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि युगऋषि पआचार्य श्रीराम शर्मा के राष्ट्र निर्माण के विचारों को ज्योति कलश यात्रा के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाना है। महिलाओं और बच्चों में नैतिकता का विकास होने से ही समाज का कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार गायत्री परिवार के अनेक सकारात्मक कार्यों से जुड़ा है। आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा रचित युग साहित्य में विकसित राष्ट्र की परिकल्पना विद्यमान है। माता भगवती देवी शर्मा का युग संदेश महिलाओं में नारी सशक्तिकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य करेगा।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पूरी दुनिया को बदलने का संकल्प लेने वाले युगऋषि वेदमूर्ति पं श्रीराम शर्मा आचार्य की चेतना घनीभूत हो रही है और ऐसे समय में उनके कार्य में सहभागी बनना हमारा परम सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि ज्योति कलश यात्रा को छत्तीसगढ़ व ओडिशा के सभी गांव गली में लेकर जाना है और सनातन संस्कृति की धारा व अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज से प्रत्येक सोए हुए अर्थात निष्क्रिय व्यक्ति को जगाना है। गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल प्रमुख शैफाली पण्ड्या ने कहा कि नारी सशक्त हो गयी,तो कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जायेगा। नारियों को भी अपने अंदर आत्म विश्वास और आत्मबोध को जगाना होगा। उन्होंने कहा कि नारियों को वैश्विक स्तर पर रचनात्मक कार्यक्रमों को गति देने हेतु अपना कदम आगे बढ़ाना है।इस अवसर पर ओडिया व छत्तीसगढी भाषा में प्रज्ञागीतों की विशेष प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। समापन से पूर्व ज्योति कलश यात्रा प्रज्ञागीत एवं डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ की कैबीनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को स्मृति चिह्न,गंगाजली,युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया गया। देवसंस्कृति विवि स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव प्रागंण से भव्य ज्योति कलश रैली की भी निकाली गयी,जो हरिपुर कलां होते हुए शांतिकुंज पहुंची। इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी,देवसंस्कृति विवि के कुलपति शरद पारधी सहित शांतिकुंज के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला संपन्न
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला के समापन सत्र का शुभारंभ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या,छत्तीसगढ़ की कैबीनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े व गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मंडल की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यशाला में छत्तीसगढ के 33 व ओडिशा के 30 जिलों के कार्यकर्त्ता प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ व ओडिशा के सभी गांवों में वर्ष 1926 से सतत प्रज्वलित दिव्य अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज को पहुुंचाने के लिए संकल्प दिलाया गया। इस दौरान सात शक्ति कलश का पूजन किया गया। समापन सत्र की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की महिला,बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि युगऋषि पआचार्य श्रीराम शर्मा के राष्ट्र निर्माण के विचारों को ज्योति कलश यात्रा के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाना है। महिलाओं और बच्चों में नैतिकता का विकास होने से ही समाज का कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार गायत्री परिवार के अनेक सकारात्मक कार्यों से जुड़ा है। आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा रचित युग साहित्य में विकसित राष्ट्र की परिकल्पना विद्यमान है। माता भगवती देवी शर्मा का युग संदेश महिलाओं में नारी सशक्तिकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य करेगा।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पूरी दुनिया को बदलने का संकल्प लेने वाले युगऋषि वेदमूर्ति पं श्रीराम शर्मा आचार्य की चेतना घनीभूत हो रही है और ऐसे समय में उनके कार्य में सहभागी बनना हमारा परम सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि ज्योति कलश यात्रा को छत्तीसगढ़ व ओडिशा के सभी गांव गली में लेकर जाना है और सनातन संस्कृति की धारा व अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज से प्रत्येक सोए हुए अर्थात निष्क्रिय व्यक्ति को जगाना है। गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल प्रमुख शैफाली पण्ड्या ने कहा कि नारी सशक्त हो गयी,तो कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जायेगा। नारियों को भी अपने अंदर आत्म विश्वास और आत्मबोध को जगाना होगा। उन्होंने कहा कि नारियों को वैश्विक स्तर पर रचनात्मक कार्यक्रमों को गति देने हेतु अपना कदम आगे बढ़ाना है।इस अवसर पर ओडिया व छत्तीसगढी भाषा में प्रज्ञागीतों की विशेष प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। समापन से पूर्व ज्योति कलश यात्रा प्रज्ञागीत एवं डॉक्यूमेंट्री का विमोचन किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ की कैबीनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को स्मृति चिह्न,गंगाजली,युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया गया। देवसंस्कृति विवि स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव प्रागंण से भव्य ज्योति कलश रैली की भी निकाली गयी,जो हरिपुर कलां होते हुए शांतिकुंज पहुंची। इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी,देवसंस्कृति विवि के कुलपति शरद पारधी सहित शांतिकुंज के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।