हरिद्वार। डा.संजय शाह ने कहा कि जो लोग अपने जीवन से संतुष्ट हैं या अच्छा महसूस करते हैं,उन्हें हृदय रोग और स्ट्रोक होने की आशंका कम होती है। हार्ट डिजीज की जब बात आती है तो अक्सर लोग खराब लाइफस्टाइल और खानपान को इसका कारण मानते हैं, लेकिन इन्हीं के साथ हार्ट अटैक और स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है आपका दुःखी,परेशान और टेंशन में रहना। जिंदगी में संतुष्टि और खुशियां आपको सेहतमंद रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नियमित व्यायाम,स्ट्रेस मैनेजमेंट और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर इन्हें आसानी से पा सकते हैं। स्वामी विवेकानंद हैल्थ मिशन सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डा.संजय शाह ने बताया कि जो लोग खुद की सेहत और खुशियों का ध्यान ज्यादा रखते हैं। उनमें लापरवाही करने वालों और दुखी रहने वालों के मुकाबले हृदय रोग विकसित होने का खतरा कम होता है। खुश रहकर और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हम अपने दिल को सेहतमंद रख सकते हैं और कई जानलेवा बीमारियों का खतरा कम कर सकते हैं। हृदय रोग के लक्षणों में छाती में दर्द,सांस लेने में कठिनाई और थकान शामिल हैं। कुछ लोगों को दिल की धड़कन में असामान्यताएं महसूस हो सकती हैं। अन्य लक्षणों में मितली,पसीना आना और चक्कर आना शामिल हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस होते हैं। समय पर पहचान और उपचार से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। हर साल विश्व हृदय दिवस के मौके पर एक खास थीम रखी जाती है। जो हमें गहरा संदेश देती है। इस बार की थीम‘‘यूज हार्ट फॉर एक्शन’’जिसका अर्थ है कि हमें अपने दिल की सुननी चाहिए। अपनी भावनाओं को समझना चाहिए और फिर उन भावनाओं को समझकर उन्हें कार्य में बदलना चाहिए। डा.संजय शाह ने बताया कि सही खानपान,नियमित व्यायाम,धूम्रपान से बचना और तनाव को कम करना हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकते हैं। हृदय संबंधी रोग दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। अपने खानपान में फलों और सब्जियों को शामिल करें और तले-भुने खाने से बचें। किसी भी प्रकार का नशा करना हृदय के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है, इसलिए इनसे दूर रहें। रोजाना 30मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे चलना,दौड़ना या योग करना हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है।