हरिद्वार। धर्मनगरी में बड़ी रामलीला के नाम से विख्यात श्रीरामलीला कमेटी ने अपने रंगमंच पर रामजन्म की लीला का भव्य मंचन कर सम्पूर्ण समाज में हर्ष एवं उल्लास के वातावरण का संचार किया तथा भारत को अतीत से गौरवान्वित करने वाले दशरथ दरबार,विष्णु लोक एवं इन्द्र दरबार की अद्भुत छटा और संस्कृति ने दर्शकों का मन मोह लिया। श्रीरामलीला कमेटी ने अपने रंगमंच के चौथे चरण का शुभारम्भ करते हुए दिखाया कि जब असुर एवं अभिमानियों के बढ़ने से धर्म की हानि होती है तो भगवान स्वयं अवतरित होकर लोक कल्याण करते हैं और राक्षसों के अत्याचार से व्यथित होकर पृथ्वी नारद को साथ लेकर जब देवराज इन्द्र के दरबार में गयी तो इन्द्र ने सभी देवताओं के साथ क्षीर सागर में श्रीहरि नारायण से प्रार्थना की। श्रीहरि ने स्वयं यह घोषणा की कि वे शीघ्र ही धराधाम पर अवतरित होकर दुष्प्रवृत्तियों का दमन करेंगे। विधि का विधान ही था कि अयोध्या के राजा दशरथ को अपने चौथे पन पर जाने से राजसत्ता के संचालन हेतु पुत्र की चाहत हुई श्रीरामलीला कमेटी ने अपने रंगमंच से भारत की उस संस्कृति का दर्शन कराया जिसमें यज्ञ एवं अनुष्ठान के माध्यम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। श्रृंगी ऋषि ने यज्ञ कर उसके प्रसाद से ही राजा दशरथ को चार पुत्रों का पिता बनने का सौभाग्य प्रदान किया। रंगमंच पर बधाई गीतों के साथ श्रीरामजन्म की खुशियां मनायी गयीं। आयोजकों ने भगवान श्रीराम के दिव्य स्वरुप की आरती उतार कर विश्व कल्याण की कामना की। रंगमंच का संचालन विनय सिंघल एवं डॉ.संदीप कपूर ने संयुक्त रुप से किया। निर्देशन मुख्य दिग्दर्शक भगवत शर्मा मुन्ना एवं कमेटी के महामंत्री महाराजकृष्ण सेठ ने किया। श्रीरामलीला के रंगमंच सहित सम्पूर्ण व्यवस्था को सकुशल सम्पन्न कराने में श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र चड्ढा,ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील भसीन,ट्रस्ट के मंत्री रविकांत अग्रवाल,कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल,ऋषभ मल्होत्रा,विशाल गोस्वामी, राहुल वशिष्ट,अंजना चड्डा,सहायक दिग्दर्शक मनोज सहगल,संगीत दिग्दर्शक विनोद नयन सहायक संगीत दिग्दर्शक साहिल मोदी,सदस्य पवन शर्मा,दर्पण चड्ढा,मनोज बेदी,सुनील वधावन ,विकास सेठ,महेश गौड़,सुरेन्द्र अरोड़ा,रमेश खन्ना,गोपाल छिब्बर,कन्हैया खेवडिया, सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।