समाज और देश का उत्थान ही ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी का लक्ष्य था-स्वामी अवधेशानंद गिरी

 धर्मसत्ता के बिना अधूरी है राजसत्ता -डा.रमेश पोखरियाल निशंक


हरिद्वार। भारत माता मंदिर के संस्थापक पद्म भूषण ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज का अवतरण दिवस समारोह सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान संत समाज की और से उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी की गयी। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के संयोजन में भारत माता मंदिर में आयोजित जन्मोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अध्यात्म की सुदृढ़ परंपरा के संवाहक ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी का भारत के संतों, मनीषियों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज महान् विचारक, राष्ट्रनायक एवं समाज सुधारक भी थे। सभी को उनके आदर्शो और जीवन दर्शन का अपनाते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प लेना चाहिए। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रांनद गिरी महाराज ने हरिद्वार में भारत माता मंदिर की स्थापना कर देश की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण में अहम योगदान दिया। व्यक्ति, समाज और देश को उत्थान ही उनके जीवन का लक्ष्य था। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि धर्म,अध्यात्म और देश सेवा में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न सम्मान दिया जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राजसत्ता धर्म सत्ता के बिना अधूरी है। संत महापुरूषों ने सदैव राजसत्ता का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज समस्त समाज के लिए वंदनीय हैं। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी,महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी व श्रीमहंत देवा नंद सरस्वती ने कहा कि त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी के विचार और उनका कृतित्व अनंतकाल तक समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि धर्म और अध्यात्म की महान विभूति ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज समस्त संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। कोठारी महंत जसविंद सिंह,स्वामी परमात्म देव,स्वामी यतिंद्रानंद एवं स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। प्रबंध न्यासी आईडी शास्त्री ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी,स्वामी भगवत स्वरूप,स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री,बाबा हठयोगी,महंत मोहन सिंह,महंत राघवेंद्र दास,महंत रघुबीर दास, महंत सूरज दास,महंत जसविंदर सिंह,स्वामी ऋषिश्वरानंद,महंत निर्भय सिंह,भक्त दुर्गा दास,ऋषिकेश की पूर्व मेयर अनिता ममगाई,भक्त दुर्गादास सहित अनेक संत व गणमान्य लोग मौजूद रहे।