खटीमा एवं मसूरी गोलीकांड के शहीद राज्य आंदोलनकारियों श्रद्धांजलि दी

 


हरिद्वार।  चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड ने प्रेमनगर आश्रम स्थित अग्रसेन घाट पर गंगा में दूध और पुष्पअर्पित कर और दो मिनट का मौन रखकर खटीमा और मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सूर्यकांत भट्ट ने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन की मांग को लेकर वर्ष 1994 में 1 सितम्बर को खटीमा व 2सितम्बर को मसूरी में तत्कालीन उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की फायरिंग में खटीमा में सात और मसूरी में छह राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। सरकार और चुने हुए जन प्रतिनिधियों पर आक्रोश प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी राज्य आंदोलन के शहीदों को न्याय नहीं मिल पाया है। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के घायलों और शहीदों व मातृशक्ति को अपमानित करने वाले गुनहगार जेल की सलाखों से बाहर घूम रहे हैं। समिति के हरिद्वार शहर अध्यक्ष विनोद डंडरियाल आज भी राज्य आंदोलनकारी अपनी न्यायोचित मांगों और राज्यहित की मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। उत्तराखणड में सत्ता में आने वाली सभी सरकारें लगातार आन्दोलनकारियों की उपेक्षा कर रही हैं। संचालन भीम सेन रावत ने किया। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में सरिता पुरोहित,साधना नवानी,बसंती पटवाल,कमला ढौंढियाल, यशोदा भट्ट,राधा बिष्ट,कमला पांडे,महेश गोड,धर्मपाल भारती,गिरीश भट्ट,रामदेव मौर्य,आनंद सिंह नेगी,राजेश बिंजोला,आरएस मनराल,विनोद डंडरियाल,रवींद्र भट्ट,आरपी जखमोला,रोहित प्रताप सिंह,नत्थी लाल जुयाल,सूर्यकांत भट्ट,जयप्रकाश मालकोटी,भीमसेन रावत आदि शामिल रहे।