देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल,देहरादून ने हाल ही में एक 61वर्षीय बुजुर्ग मरीज की हृदय एंजियोप्लास्टी में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस मरीज को गंभीर दिल का दौरा पड़ा था और उनकी हालत बहुत नाजुक थी। इस एंजियोप्लास्टी का नेतृत्व डॉ.प्रीति शर्मा ने किया,जो अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग की निदेशक हैं। डॉ.शर्मा और उनकी टीम ने मरीज की उच्च जोखिम वाली एंजियोप्लास्टी के दौरान एक विशेष हृदय पंप,इम्पेला डिवाइस का उपयोग किया।मरीज सीने में तेज दर्द,फेफड़ों में पानी जमा होने और बहुत कम रक्तचाप के साथ अस्पताल में आए थे। जांच के बाद पता चला कि उनकी तीनों प्रमुख कोरोनरी धमनियों में गंभीर रुकावटें थीं और उनका हृदय केवल 20ःकाम कर रहा था। एक डायग्नो स्टिक के दौरान,मरीज को आईसीयू में कार्डियक अरेस्ट आया और सीपीआर करके बचाया गया। इसके बाद,मरीज को 72घंटे तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। जब उनकी हालत स्थिर हुई,तो एंजियोप्लास्टी की गई। मरीज की स्थिति इतनी गंभीर थी कि ओपन-हार्ट सर्जरी करना जोखिम भरा था। इसलिए डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया,जो कम जोखिम वाली प्रक्रिया है। इस दौरान इम्पेला डिवाइस का उपयोग किया गया,जो हृदय के पंपिंग फंक्शन को संभालता है और रक्त प्रवाह को बनाए रखता है। इम्पेला डिवाइस ने इस प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एंजियोप्लास्टी के बाद,मरीज का दिल पहले की तरह काम करने के लिए काफी कमजोर था,इसलिए इम्पेला पंप को दो और दिनों तक लगाया गया। एंजियोप्लास्टी के एक महीने बाद,मरीज के हृदय की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है और वे अब रोजाना 12,000से 15,000कदम चल रहे हैं। डॉ.प्रीति शर्मा ने कहा, ‘यह मामला दिखाता है कि उन्नत तकनीकों जैसे इम्पेला का उपयोग कितना महत्वपूर्ण हो सकता है मरीज की जान बचाने में।‘‘मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल,देहरादून हृदय संबंधी इलाज में अग्रणी है और यह सफल एंजियोप्लास्टी हमारी उच्चतम देखभाल देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
दुनिया के सबसे छोटे पंप का इस्तेमाल कर 61वर्षीय बुजर्ग की जान बचाई
देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल,देहरादून ने हाल ही में एक 61वर्षीय बुजुर्ग मरीज की हृदय एंजियोप्लास्टी में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस मरीज को गंभीर दिल का दौरा पड़ा था और उनकी हालत बहुत नाजुक थी। इस एंजियोप्लास्टी का नेतृत्व डॉ.प्रीति शर्मा ने किया,जो अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग की निदेशक हैं। डॉ.शर्मा और उनकी टीम ने मरीज की उच्च जोखिम वाली एंजियोप्लास्टी के दौरान एक विशेष हृदय पंप,इम्पेला डिवाइस का उपयोग किया।मरीज सीने में तेज दर्द,फेफड़ों में पानी जमा होने और बहुत कम रक्तचाप के साथ अस्पताल में आए थे। जांच के बाद पता चला कि उनकी तीनों प्रमुख कोरोनरी धमनियों में गंभीर रुकावटें थीं और उनका हृदय केवल 20ःकाम कर रहा था। एक डायग्नो स्टिक के दौरान,मरीज को आईसीयू में कार्डियक अरेस्ट आया और सीपीआर करके बचाया गया। इसके बाद,मरीज को 72घंटे तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। जब उनकी हालत स्थिर हुई,तो एंजियोप्लास्टी की गई। मरीज की स्थिति इतनी गंभीर थी कि ओपन-हार्ट सर्जरी करना जोखिम भरा था। इसलिए डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया,जो कम जोखिम वाली प्रक्रिया है। इस दौरान इम्पेला डिवाइस का उपयोग किया गया,जो हृदय के पंपिंग फंक्शन को संभालता है और रक्त प्रवाह को बनाए रखता है। इम्पेला डिवाइस ने इस प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एंजियोप्लास्टी के बाद,मरीज का दिल पहले की तरह काम करने के लिए काफी कमजोर था,इसलिए इम्पेला पंप को दो और दिनों तक लगाया गया। एंजियोप्लास्टी के एक महीने बाद,मरीज के हृदय की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है और वे अब रोजाना 12,000से 15,000कदम चल रहे हैं। डॉ.प्रीति शर्मा ने कहा, ‘यह मामला दिखाता है कि उन्नत तकनीकों जैसे इम्पेला का उपयोग कितना महत्वपूर्ण हो सकता है मरीज की जान बचाने में।‘‘मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल,देहरादून हृदय संबंधी इलाज में अग्रणी है और यह सफल एंजियोप्लास्टी हमारी उच्चतम देखभाल देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।