हरिद्वार। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मात्र जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले महादेव शिव की महिमा अपरम्पार है। सृष्टि की उत्पत्ति स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव ही हैं। त्रिदेवों में संहार के देवता माने गए शिव ही अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं। श्रीदक्षिण काली मंदिर में पूरे सावन माह चलने वाली विशेष शिव आराधना के दौरान भक्तों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव शिव ही संसार का आदि और अनंत हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की शरण में आने वाले भक्त के जीवन की सभी दुश्वारियां दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव सभी को समान दृष्टि से देखते हैं। भगवान शिव को बिल्वपत्र,पुष्प,चन्दन का स्नान प्रिय है। दूध,दही,घी,गंगाजल,शहद आदि पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक कर श्रद्धापूर्वक उनका ध्यान और प्रार्थना करें। सच्चे मन से की गयी प्रार्थना भोलेनाथ अवश्य स्वीकार करते हैं और श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि पूज्य गुरूदेव की विशेष शिव साधना की पूर्णाहूति 19अगस्त को श्रावण पूर्णिमा को होगी। जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के संत महंत व अनेक गणमान्य लोग तथा श्रद्धालु भक्त शामिल होंगे।
अपरम्पार है महादेव शिव की महिमा-स्वामी कैलाशानंद गिरी