समाज को भगवान श्रीराम के चरित को आत्मसात करने की प्रेरणा देती है तुलसी जयंती-महंत प्रेमदास
हरिद्वार। श्री रामानंदीय वैष्णव मंडल के संयोजन में तुलसी जयंती धूमधाम से मनायी गयी। संतों ने श्रीरामचरित मानस सहित अनेक गं्रथों के रचियता गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर शोभायात्रा निकाली और तुलसी चौक पर उनके श्रीविग्रह का पूजन किया। इसके पश्चात श्रवणनाथ नगर स्थित श्री रामानंद आश्रम आचार्य महापीठ में संतों की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित मानस सनातन धर्म का प्रमुख ग्रंथ है। जिस घर में नियमित रूप से रामायण का पाठ किया जाता है। वहां हमेशा प्रभु कृपा विद्यमान रहती है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन समाज के लिए समर्पित होता है। गोस्वामी तुलसीदास ने समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए ही श्री रामचरित मानस की रचना की। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि महापुरूषों का अवतरण भगवान की प्रेरणा से होता है। गोस्वमी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस गं्रथ से संपूर्ण समाज में भक्ति भावना का संचार हुआ। श्रीरामानंद आश्रम आचार्य महापीठ के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तुलसी जयंती समस्त समाज को भगवान श्रीराम के आदर्शो को आत्मसात करने की प्रेरणा देती है। गोस्वामी तुलसी दास द्वारा श्रीरामचरित मानस सनातन धर्म संस्कृति का आधार है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास का जीवन दर्शन सभी को राम भक्ति की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर बाबा हठयोगी,महंत दुर्गादास,महंत प्रह्लाद दास,महंत रघुवीर दास,महंत हरिदास,महंत जयराम दास,महंत राजेंद्रदास,स्वामी ऋषिश्वरानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,महंत गणेशदास,महंत प्रमोद दास, महंत सूरज दास सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालु मौजूद रहे।