भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर ने 471छात्रों में से 196महिला छात्रों को प्रवेश दिया

 देहरादून। भारत के अग्रणी बी-स्कूलों में से एक भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर, व्यावसायिक शिक्षा के पुरुष-प्रधान कक्षाओं में लैंगिक समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अपने प्री-मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन(एमबीए)और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनि स्ट्रेशन-एनालिटिक्स (एमबीए-ए) में नामांकित कुल 471छात्रों में से 196महिला छात्रों को प्रवेश दिया है। पिछले सप्ताह बैच का स्वागत कार्यक्रम हुआ जिसके मुख्य अतिथि उत्तराखंड सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी थे।शैक्षणिक विविधता के मुद्दे पर, नए बैच में 37ः छात्र इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से और 33ःवाणिज्य से हैं। 12ःसे अधिक विज्ञान से, 6ःकला से और शेष 11:छात्र चिकित्सा,संचार और अन्य जैसी विभिन्न पृष्ठभूमि से हैं। जबकि बैच का कुल कार्य अनुभव 13महीने का है।भौगोलिक विविधता के मामले में,नए बैच में 28राज्यों का प्रतिनिधित्व है, जिसमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक है,जहां 63-63 छात्र हैं। प्रो.अभ्रदीप मैती,अध्यक्ष एडमिशन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि न केवल संस्थान शीर्ष गुणवत्ता वाले अगली पीढ़ी के नेताओं को आकर्षित करने में सफल रहा है,बल्कि आईआईएम काशीपुर ने 2024 कॉमन एडमिशन प्रोसेस का भी सफलतापूर्वक संचालन किया है। लैंगिक विविधता पर उन्होंने कहा‘आईआईएम काशीपुर में पिछले कुछ वर्षों में महिला छात्रों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। 2019 में 11ःमहिला छात्रों से,नए बैच में 42ःमहिला छात्र हैं।‘‘ आईआईएम काशीपुर के प्रभारी निदेशक प्रो.सोमनाथ चक्रवर्ती ने कहा,‘‘हमारे छात्र हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं। छात्रों के लिए किए गए प्रयास रंग ला रहे हैं और न केवल महिला प्रतिनिधित्व ,बल्कि हर शैक्षणिक वर्ष में आवेदनों की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहली पीढ़ी के आईआईएम को इस स्तर तक पहुंचने में दशकों लग गए, जबकि आईआईएम काशीपुर ने 13वर्षों में यह मुकाम हासिल किया है।‘‘जेंडर से लेकर भौगोलिक विविधता,रैंकिंग से लेकर विदेशी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ गठजोड़ तक आईआई एम काशीपुर देश के शीर्ष 10आईआईएम बनने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।‘‘ एमबीए और एमबीएएनालिटिक्स के अलावा,डॉक्टरेट कार्यक्रम में 15 उम्मीदवारों ने दाखिला लिया, जिनमें से चार महिलाएं हैं। नए छात्रों का स्वागत करते हुए,मुख्य अतिथि राज शेखर जोशी,उपाध्यक्ष,सेतु आयोग उत्तराखंड ने नेतृत्व,प्रौद्योगिकी और थिंक टैंक की उभरती भूमिका के महत्व को रेखांकित किया और डिजिटल परिवर्तन की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा सफल प्रबंधन के लिए चार प्रमुख तत्वों की पहचान करेंःउद्देश्यपूर्ण प्रामाणिक नेतृत्व,सहयोगात्म नेतृत्व,प्रौद्योगिकी और ऊर्जा या दृष्टिकोण का उपयोग।‘‘सेतु आयोग का गठन उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए राज्य नीति आयोग की तर्ज पर किया गया है। उन्होंने भारत में महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलावों में योगदान देने में आईआईएम काशीपुर जैसे संस्थानों की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने‘‘अमृतकाल काल‘‘की चुनौतियों पर बात की और भारत के विश्व नेता के रूप में उभरने को रेखांकित किया। उन्होंने नीति निर्माण में थिंक टैंक के महत्व और शहरों,राज्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच संबंधों को जोड़ने में उनकी भूमिका पर भी ध्यान दिलाया। आईआईएम काशीपुर के एमबीए,एमबीए (एनालिटिक्स) और डॉक्टरेट (पीएचडी) कार्यक्रमों के नए बैचों (वर्ष 2024-26) का उद्घाटन कार्यक्रम 27 से 30जून के बीच संस्थान द्वारा आयोजित एक अभिविन्यास सत्र के साथ शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य नए प्रवेशकों को संस्थान के शैक्षणिक और सामाजिक जीवन से परिचित कराना था।