भारतीय किसान यूनियन क्रांति का किसान क्रांति कुंभ आयोजित


 हरिद्वार। भागीरथी बिंदु सर्वानंद घाट के समीप आयोजित भारतीय किसान यूनियन क्रांति के किसान क्रांति कुंभ में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में मूल निवास और स्थायी निवास के नाम पर दो प्रकार की व्यवस्था को बंद किया जाए। एक प्रदेश एक नियम लागू कर वर्ष 2000 से हरिद्वार और उधम सिंह नगर में रह रहे सभी लोगों को मूल निवासी माना जाए और मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाए। हरिद्वार जनपद की सीमा से कुंभ क्षेत्र तय किया जाए। विकास सिंह सैनी ने कहा कि किसान की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए योजनाओं का सीधा लाभ दिया जाए। एमएसपी पर गारंटी कानून लागू किया जाए। ब्याज मुक्त पांच लाख तक का किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाए। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जाए। गन्ने का भाव पांच सौ रूपए प्रति कुंतल घोषित किया जाए। मिलों पर बकाया गन्ने का भुगतान तत्काल कराया जाए। जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए और ऑर्गेनिक खेती के लिए किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी दी जाए। राशन कार्ड, आधार कार्ड की तरह पहचान के लिए किसान कार्ड जारी किए जाएं। शिक्षा का बाजारीकरण बंद कर प्रत्येक नागरिक को शिक्षा और चिकित्सा सुविधा मुफ्त उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का बड़ा योगदान है। इसके बावजूद सरकारें किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है। लागत बढ़ने से किसान कर्ज के जाल में फंस रहे हैं। किसान को लागत के अनुसार फसल का मूल्य मिल सके। इसके लिए जल्द से जल्द एमएसपी पर गांरटी कानून लागू किया जाए। वृद्ध किसानों को पांच हजार रूपए महीना पेंशन दी जाए और मजदूरों, किसानों का पांच लाख तक का बीमा कराया जाए। किसानों के पशुओं को स्वास्थ्य योजना लाभ दिया जाए। विकास सिंह ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न सहन नहीं होने दिया जाएगा। सरकार जल्द से जल्द एमएसपी समेत किसानों की मांगे पूरी करे। यदि सरकार मांगे नहीं मानती है तो भाकियू क्रांति किसानों को लामबंद कर आंदोलन करने को बाध्य होगी। विनोद प्रजापति,मुकेश कांबोज,एडवोकेट श्रीमती नीरज सैनी,हाजी मोहम्मद उस्मान,फखरे आलम खान,ऋषिपाल सैनी,कुशाल सैनी,जसवंत सिंह, विरन्द्र कुमार आर्य,उस्मान अली, विपिन कुमार,दिलीप कुमार,परविन्द्र कुमार,प्रमोद शर्मा,तौफीक अहमद आदि पदाधिकारियों ने भी किसानों को संबोधित किया। सभा के उपरांत जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को 15 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया गया।