मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर आराधना-स्वामी दुर्गेशानन्द

 


हरिद्वार। मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर आराधना है। प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर का वास होता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य की बिना भेदभाव सेवा करना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। यह विचार ललिताम्बा देवी ट्रस्ट के संयोजन में अन्न क्षेत्र व तीन दिवसीय प्याऊ का शुभारम्भ करते हुए श्रीमानव कल्याण आश्रम के महंत दुर्गेशानन्द सरस्वती ने व्यक्त किये। स्वामी दुर्गेशान्द सरस्वती ने कहा कि ललिताम्बा देवी ट्रस्ट द्वारा प्रतिदिन प्रातःकाल जहां चाय व चना का वितरण किया जा रहा है। वहीं गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी के अवसर पर तीन दिवसीय प्याऊ का आयोजन भी किया जा रहा है। जिसमें तीन दिन तक निरन्तर शरबत व पेय पदार्थों का वितरण किया जायेगा। श्री ललिताम्बा देवी ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि संस्था धर्म प्रचार के साथ-साथ मानवता की सेवा को सदैव समर्पित रहती है। सेवा प्रकल्पों की जो परम्परा ललिताम्बा माता व स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती ने प्रारंभ की थी। उसे संस्था द्वारा निरन्तर आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में हरिद्वार व बद्रीनाथ स्थित आश्रमों में निरन्तर अन्न क्षेत्र व प्याऊ का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर ट्रस्टी रेणुका वेन एल ठक्कर,स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती,स्वामी हंसानन्द,स्वामी अनन्तानन्द,सुरेन्द्र मिश्रा,कल्पेश एल ठक्कर,ब्रह्मजीत आदि उपस्थित रहे।