रामायण कलश की स्थापना के साथ लिया सफल कथा कराने का संकल्प


 हरिद्वार। वशिष्ठ भवन पीठाधीश्वर डॉ राघवेश दास वेदांती महाराज ने कहा कि श्री राम कथा का श्रवण मात्र करने से ही लोगों लोक-परलोक सुधर जाते हैं। कलयुग में राम-नाम का जाप ही मुक्ति का सबसे बड़ा मंत्र है और सत्संग में बैठकर रामकथा का श्रवण परम आनंद की प्राप्ति का मार्ग है। रविवार को राघवेश दास वेदांती महाराज हरिद्वार पहुंच गए हैं और सोमवार को डॉ रामविलास दास वेदांती जी महाराज भी हरिद्वार पहुंच रहे है। गौरतलब है आगामी जून माह में 05 से लेकर 13 जून तक ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी महाराज के मुखारविंद से आयोजित संगीतमयी श्रीमद् बाल्मीकिय श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस कड़ी में कार्यालय का उद्घाटन रविवार 02जून को प्रेमनगर,आश्रम में के सभागार में किया। पं विपिन शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं पूजन संपन्न कराया। रामायण कलश की स्थापना के साथ श्रीराम कथा आयोजन मंडल समिति के सदस्यों को कथा की सफलता के लिए समर्पित होकर कार्य करने का संकल्प दिलाया। गौरतलब है कि वशिष्ठ भवन धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आगामी 5 से लेकर 13 जून तक ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी के मुखारविंद से संगीतमयी श्रीमद्बाल्मीकिय श्रीराम कथा गुणगान समारोह का आयोजन किया जा रहा है।इस कड़ी में रविवार को कार्यालय का भव्य उद्घाटन किया गया। इस मौके पर कथा संयोजक सुनील सिंह,सीए आशुतोष पांडेय,बीएन राय,रंजना शर्मा,दिनेश शर्मा,रंजीता झा,जगदीश लाल पाहवा,डॉ.विशाल गर्ग,रंजीत टिबडेवाल,पुरूषोत्तम अग्रवाल,बृजभूषण तिवारी,सुधीर शर्मा, चंद्रमणि राय, अमित साही,अबधेश झा,वरूण कुमार सिंह,प्रभु नारायण झा,विश्वास सक्सेना,हरिनारायण त्रिपाठी ,पं.तरूण शुक्ला,.पं.संदीप शुक्ला,कामेश्वर यादव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।