दिव्य है भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला-स्वामी रविदेव शास्त्री


हरिद्वार। आनन्दमयीपुरम दक्ष रोड़ कनखल स्थित श्रीमहर्षि ब्रह्महरि उदासीन आश्रम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन महारास लीला का श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बालरूप का दर्शन करने के लिए पृथ्वी पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि महारास लीला में गाए जाने वाले गोपी गीत को जो भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ गाता है। उस पर भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन और श्रवण दोनों कल्याणकारी हैं। कथा के प्रभाव से सभी संकट मिट जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत दामोदर शरण महाराज एवं कथा संयोजक महंत अमृतमुनि महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मन से मृत्यु का मिटाकर मोक्ष प्रदान करती है। कथा के प्रभाव से अधोगति में पड़े पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। बुरे कर्मो के चलते प्रेत योनि को प्राप्त हुए धुंधकारी को कथा श्रवण के प्रभाव से बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई। इसलिए सभी को श्रीमदभागवत कथा का श्रवण करना चाहिए और कथा से मिले ज्ञान के अनुसार ही आचरण करना चाहिए। इस अवसर पर महंत राघवेंद्र दास,महंत अमृतमुनि,महंत प्रेमदास,महंत जयेंद्र मुनि, स्वामी हरिहरांनद,महंत गोविंददास,महंत गंगादास,स्वामी दिनेश दास, महंत जसविंदर सिंह,महंत निर्भय सिंह,महंत कैलाशानंद,महंत सुतिक्ष्ण मुनि,पदम प्रकाश सुवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।