ब्रह्मलीन स्वामी अजरानंद महाराज ने किया नेत्रहीनों के जीवन को प्रकाशित- महंत स्वयंमानंद

 


हरिद्वार। सप्तसरोवर मार्ग स्थित अजर धाम आश्रम में 55वां अजर निर्वाण महोत्सव श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज की अध्यक्षता एवं भागवताचार्य रविदेव शास्त्री के संचालन में संत सभा का आयोजन किया गया। जिसमें गुरुजनों को श्रद्धांजलि देते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष महंत स्वयंानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी अजरानंद महाराज ने नेत्रहीनों  के लिए विद्यालय स्थापित कर उनके जीवन को प्रकाशित किया। उन्हीं की सेवा परंपरा को आगे बढ़ते हुए माता शांतानंद देवी, स्वरूपानंद एवं गुरुदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने स्वामी अजरानंद विद्यालय को हाईस्कूल तक बढ़ाकर नेत्रहीनों के जीवन को प्रकाशित करने का काम किया। साथ ही क्षेत्र के सैकड़ो सामान्य बच्चों को शिक्षित कर समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाया। स्वामी विचित्रानंद महाराज ने कहा कि 55वां अजर निर्वाण महोत्सव एक परंपरा बन गया है जिसके माध्यम से संस्था से जुड़े हजारों भक्त और विद्यालय से शिक्षित हुए छात्र इस उत्सव में शामिल होकर प्रतिवर्ष अपने गुरुजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अजरधाम महिला आश्रम ट्रस्ट सप्तसरोवर क्षेत्र की एक प्राचीन संस्था ह।ै जिसने सेवा को ही अपना परम धर्म मानकर समाज के उस उपेक्षित वर्ग को साक्षर करने का काम किया। जिसके जीवन में अंधकार ही अंधकार था। स्वामी अजरानंद महाराज ने दिव्यांग नेत्रहीनों के लिए विद्यालय स्थापित कर जहां समाज को सम्बल प्रदान किया। वहीं इस क्षेत्र में अन्य संस्थाओं के लिए भी एक उदाहरण पेश किया। 12जून से प्रारंभ हुआ अजर निर्वाण महोत्सव शुक्रवार को संत समाज के द्वारा गुरुजनों को श्रद्धांजलि अर्पित कर संपन्न हुआ। समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद,महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद,स्वामी चिदविलासानंद,महंत सूरज दास,स्वामी ज्ञाननंद शास्त्री,स्वामी कृष्णानंद,महंत केशवानंद सहित बड़ी संख्या में संत महंत जनों ने उपस्थित होकर गुरु जनों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। समारोह में आए हुए संत जनों का स्वागत ऋषि कुमार सोनी,रोशन लाल मित्तल,केसी गुप्ता,विदेश कुमार गुप्ता,रमेश कुमार, विनोद कुमार शर्मा, मुंशीलाल सहित आश्रम के ट्रस्टी एवं भक्तों ने किया।