चारधाम यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालुओं का प्रशासन और पर्यटन कारोबारियों ने किया स्वागत


 हरिद्वार। बृहस्पतिवार को श्रद्धालुओं के कई जत्थे हरिद्वार से चारधाम यात्रा पर रवाना हुए। यात्रा पर रवाना होने से पहले श्रद्धालुओं ने मायादेवी मंदिर और चरण पादुका मंदिर में पूजा अर्चना की। रवानगी से पहले जिला प्रशासन और पर्यटन कारोबार से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। एआरटीओ रश्मि पंत ने हरी झंडी दिखाकर यात्रीयों की बस को रवाना किया। बाबा बद्री केदार के जयकारों के साथ यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आए। चारधाम यात्रा पर रवाना हुई नेहल ने बताया कि पिछले कई वर्षो से चारधाम यात्रा करने की इच्छा थी। 2010 में उनके माता पिता ने चारधाम यात्रा की थी। इसके बाद वे अपने पति और बेटे के साथ यात्रा पर जा रही है। यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं। चारधाम यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालुओं को सुखद,सुरक्षित व मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए एआरटीओ रश्मि पंत ने कहा कि वाहन चालक नियमों का पालन करें। उत्तराखंड पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील है। इसलिए प्रदूषण ना फैलाएं। स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमों का पालन करें। पूर्व विधायक संजय गुप्ता,भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल,भाजपा नेता आशु चौधरी,महेश गौड,प्रीत कमल ने भी यात्रियों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों ने चारधाम यात्रियों के पंजीकरण व्यवस्था पर सवाल उठाए और व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग भी की। पर्यटन कारोबारी नरेश गोयल ने कहा कि पंजीकरण के चलते यात्रियों के साथ पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को बेहद दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में यात्रा के लिए पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं थी। कोविड के दौरान पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गयी थी।अभिषेक अहलूवालिया ने कहा कि देश के तमाम राज्यों से श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। शुक्रवार से शुरू हो रही यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्री हरिद्वार से रवाना हुए हैं। लेकिन पंजीकरण में व्यवस्थाओं की कमी के चलते यात्रीयों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण व्यवस्था को दुरूस्त करना चाहिए। जिससे यात्रियों को असुविधाओं का सामना ना करना पड़े। पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों व्यवस्थाओं को दुरूस्त किया जाए। विजय शुक्ला ने कहा कि पंजीकरण ना होने पर श्रद्धालुओं को यात्रा पर नहीं भेज पा रहे हैं। यात्रा को ठीक से चलाना है तो व्यवस्थाओं को ठीक करना होगा। यात्रियों की संख्या सीमित करने की व्यवस्था को समाप्त किया जाए। जिससे अधिक से अधिक लोग यात्रा पर जा सकें।