लालढांग क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाए-एमएल कन्याल


 हरिद्वार। क्षेत्रीय विकास संघर्ष समिति के संस्थापक एवं प्रान्तीय अध्यक्ष एमएल कन्याल ने लालढांग क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मांग की है। मंगलवार को प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एमएल कन्याल ने कहा कि राजकीय विभागों की लापरवाही के चलते क्षेत्र के लोग अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। विकास खण्ड बहादराबाद के अंतर्गत आने वाले लालढांग में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी और लेखपाल पर कई-कई ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी होने का खामियाजा भी लोगों को भुगतना पड़ता है। जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर जैसे कामो के लिए लोगों को धक्के खाने पड़ते हैं। चिकित्सा, बिजली कटौती जैसी समस्याओं से भी लगातार जूझ रहे हैं। रोजगार की भी कोई व्यवस्था नहीं है। अधिकारियों के नहीं मिलने से योजनाओं का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। शासन प्रशासन से लगातार पत्राचार और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने तथा राजधानी देहरादून में धरना प्रदर्शन करने के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। छह महीने से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं। लेकिन समय नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि आवागमन की भारी दिक्क्त के चलते लोगों को रवासन नदी पर आर्यनगर-लालढांग मोटर मार्ग पर पुल के लिए आंदोलन करना पड़ा। आंदोलन के बाद जिला योजना से पुल स्वीकृत हो गया है। लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से पुल का निर्माण शुरू नहीं हो सका है,लोग पांच किलोमीटर लंबा चक्कर काटने को मजबूर हैं। पुल नहीं होने पर कई बार स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। जिससे दुर्घटना का भय बना रहता है। उन्होंने मांग करते कहा कि हुए वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर पुल का निर्माण जल्द शुरू कराया जाए। लालढांग में स्थित राजकीय चिकित्सालय का उच्चीकरण किया जाए। भूमिहीनों को भूमि आंवटन किया जाए। आवश्यक प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था की जाए,आवासहीनों को आवास दिए जाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि क्षेत्र के संसाधन विहीन लोगों के पास आंदोलन के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है। यदि जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वार्ता के दौरान चन्द्रप्रकाश इन्सा,जगमोहन सिंह आर्य,श्यामसिंह,जगदीश सिंह,रणबीर सिंह,रामकुंवर,बीरमती,कमलादेवी,रामरतन,सलेकचंद,विक्रम सिंह,सीतादेवी,छज्जूराम सिंह ,सुरेंद्र सिंह,राजकुमार,महेश्वरी देवी आदि मौजूद रहे।