हरिद्वार। श्रवणनाथ नगर स्थित उछाली आश्रम में उन्नसवीं गुरुजन स्मृति समारोह के तहत साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंह दास महाराज ढेरियाँ वाले की 19वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित गुरूजन स्मृति के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा के शुभांरभ से पूर्व गंगा तट से आश्रम तक कलश यात्रा निकाली गयी। भागवत कथा व्यास आचार्य रविशंकर महाराज नैमिषारण्य वाले ने श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा कर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रसपान कराया। कथा का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्णु दास महाराज,महंत प्रेमदास,महंत हितेश दास,महंत प्रहलाद दास,महंत प्रमोद दास,महंत केशवानंद,महंत शत्रुघ्न दास,महंत सूरज दास,महंत सीता राम दास आदि संतों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कथा का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गंगा की तरह भागवत भी मुक्तिदायनी है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर भागवत कथा का श्रवण निश्चित ही कल्याणकारी होता है। जो श्रद्धालु सात दिन श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर लेता है। उसकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को भागवत कथा श्रवण का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत कथा कलयुग में मुक्ति का एक मात्र साधन है। इसके श्रवण से जन्म-जन्मंातर के पापों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने सभी से कथा श्रवण करते हुए भागवत पुराण में दिए गए जीवन जीने के तरीकों को भी अपनाने का आह्वान किया। कथा में मुख्य रूप से यजमान श्रीमती चंद बृजमोहन सेठ,श्वेता नितिन सेठ, वंदना,लवेश प्रवीण गुलाटी,सलोनी समीर गुलाटी,हिडन गुलाटी,सुरेश अरोड़ा,रुचि,कपिल अरोड़ा, कविता,गौरव अरोड़ा,प्रियंका,जतिन अरोडा,कनिष्क,ऋतिक,आराध्या,सरोज,जगदीश मक्कड,सीमा राम,किशन सेठ तथा प्रीति एवं विवेक गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
गुरूजन स्मृति समारोह के उपलक्ष्य में किया श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
हरिद्वार। श्रवणनाथ नगर स्थित उछाली आश्रम में उन्नसवीं गुरुजन स्मृति समारोह के तहत साकेतवासी श्रीमहंत नृसिंह दास महाराज ढेरियाँ वाले की 19वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित गुरूजन स्मृति के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा के शुभांरभ से पूर्व गंगा तट से आश्रम तक कलश यात्रा निकाली गयी। भागवत कथा व्यास आचार्य रविशंकर महाराज नैमिषारण्य वाले ने श्रीमद्भागवत कथा की अमृत वर्षा कर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रसपान कराया। कथा का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्णु दास महाराज,महंत प्रेमदास,महंत हितेश दास,महंत प्रहलाद दास,महंत प्रमोद दास,महंत केशवानंद,महंत शत्रुघ्न दास,महंत सूरज दास,महंत सीता राम दास आदि संतों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कथा का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गंगा की तरह भागवत भी मुक्तिदायनी है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर भागवत कथा का श्रवण निश्चित ही कल्याणकारी होता है। जो श्रद्धालु सात दिन श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर लेता है। उसकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को भागवत कथा श्रवण का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत कथा कलयुग में मुक्ति का एक मात्र साधन है। इसके श्रवण से जन्म-जन्मंातर के पापों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने सभी से कथा श्रवण करते हुए भागवत पुराण में दिए गए जीवन जीने के तरीकों को भी अपनाने का आह्वान किया। कथा में मुख्य रूप से यजमान श्रीमती चंद बृजमोहन सेठ,श्वेता नितिन सेठ, वंदना,लवेश प्रवीण गुलाटी,सलोनी समीर गुलाटी,हिडन गुलाटी,सुरेश अरोड़ा,रुचि,कपिल अरोड़ा, कविता,गौरव अरोड़ा,प्रियंका,जतिन अरोडा,कनिष्क,ऋतिक,आराध्या,सरोज,जगदीश मक्कड,सीमा राम,किशन सेठ तथा प्रीति एवं विवेक गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी मौजूद रहे।