आयोग द्वारा आयोजित औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 परीक्षा,केन्दों के आस पास रहेगी निषेधाज्ञा

 हरिद्वार। नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने अवगत कराया कि जिला मजिस्टेªट, हरिद्वार के पत्रांक 1699 दिनांक 03 मई, 2024 में सेवा अनुभाग-03 के अनुसार औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 परीक्षा 2023 के अन्तर्गत निर्धारित स्क्रीनिंग परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) दिनांक 19 मई, 2024 (रविवार) को पूर्वान्ह 10.00 से 01.00बजे तक एकल सत्र परीक्षा भवन लोक सेवा आयोग, हरिद्वार में आयोजित की जायेगी। परीक्षा के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा-144 सी0आर0पी0सी0 लागू किये जाने के निर्देश दिये गये हैं, जो इस प्रकार हैं।  परीक्षा केन्द का नाम परीक्षा भवन,उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग,हरिद्वार हॉल नं0-1,हॉल नं0 2,हॉल नं0 03, को 19.मई (रविवार) पूर्वान्ह 10.00 से 01.00 बजे तक औषधि विज्ञान परीक्षा का नाम औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 परीक्षा 2023 के अन्तर्गत निर्धारित स्क्रीनिंग परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) सम्पन्न होगी। हरिद्वार नगर क्षेत्र के परीक्षा केन्द्र के आस-पास की 200 मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्टेªट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्टेªट हरिद्वार अथवा मेरी पूर्वानुमति के बिना पंाच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। कोई भी व्यक्ति उपरोक्त परीक्षा केन्द्र के आस पास अपने किसी कार्यक्रम द्वारा जन भावनाओं को किसी प्रकार से नहीं भडकाएगा और कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा जिससे सार्वजनिक लोक शांति भंग होना सम्भाव्य हो, हरिद्वार नगर क्षेत्र के उपरोक्त परीक्षा केन्द्र पर एवं उसके आस-पास की 200 मीटर की परिधि में किसी प्रकार का कोई धरना-प्रदर्शन आदि नहीं किया जायेगा, निर्धारित मानकों से अधिक किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण पूर्णतः प्रतिबंधित होगा,भारत सरकार/राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जायेगा। यह प्रतिबंध उपरोक्त में परीक्षा समाप्ति तक हरिद्वार नगर के उपरोक्त परीक्षा केन्द्र एवं उसके आस-पास की 200मीटर की परिधि के क्षेत्रान्तर्गत लागू होंगे, यह जिला मजिस्टेªट, हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्ट्रेट, हरिद्वार अथवा नगर मजिस्ट्रेट द्वारा इससे पूर्व वापस न ले लिया जाये। इन आदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।