हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में पर्यावरण शिक्षा के अंतर्गत इपीसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र से जुड़े सभी छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और विश्व विद्यालय में स्वच्छता अभियान चला कर प्रांगण की सफाई की। साथ ही सभी विद्यार्थियों ने पौधा रोपण करके विश्वविद्यालय को हरा भरा रखने का प्रयास भी किया। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश चंद्र अवस्थी ने भी स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया और विश्वविद्यालय में सफाई कर विद्यार्थियो का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कोई भी विश्वविद्यालय छात्र छात्राओं से होता है और विश्वविद्यालय उनका घर होता है। जैसे सभी अपने घर को स्वच्छ रखने का प्रयास करते है। उसकी प्रकार आज सभी का दायित्व है कि वह अपने विश्वविद्यालय को भी स्वच्छ रखे। कुलसचिव मने उन सभी छात्र छात्राओं का भी धन्यवाद किया,जिन्होंने विश्वविद्यालय प्रांगण में जड़ी बूटियों के पौधो का रोपण किया और सभी पौधो को उनके महत्व के अनुसार उनको वर्णित भी किया। जिससे विश्वविद्यालय में आने वाले लोग उस पौधे के आयुर्वेद के गुणों से तो परिचित हो पाएंगे। वह पौधा किस रोग में उपयोग होता है इसका ज्ञान भी उनको हो पाएगा। शिक्षा शास्त्र विभाग की डा.बिंदुमति ने छात्र छात्राओं को ग्लोबल वार्मिंग जैसी आने वाली समस्याओं से अवगत कराया और जल व जमीन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन जटिल परेशानियों का सामना आने वाले समय में किस प्रकार किया जाए। इसके लिए एक प्रस्ताव भी कुलसचिव के सम्मुख रखा। जिसमे विश्वविद्यालय आने वाले समय में एक हर्बल वाटिका का निर्माण करेगा। जहां आयुर्वेद से जुड़े सभी प्रकार के पौधो को इस वाटिका में जगह दी जाएगी। आयुर्वेद के प्रति छात्र छात्राओं का विश्वास बढ़े और पौधो के प्रति जागरूकता भी उत्पन्न हो। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय को स्वच्छ रखने की शपथ ली। इस अवसर पर चंद्रशेखर,राकेश भंडारी,अनीता सिंह,उदयवीर सैनी इत्यादि मौजूद रहे।