मां भगवती के पावन चरित्र श्रवण से तामसिक व दैत्य वृत्ति का नाशः आलोक गिरी

 हरिद्वार। श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी,मायापुर के संत स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि वासंतिक एवं शारदीय नवरात्र में मां भगवती के पावन चरित्र का श्रवण करने से भक्तों अंतः करण में उत्पन्न होने वाले तामसिक व दैत्य वृत्ति का नाश होता है,मन को निर्मलता की प्राप्ति होती है। नवरात्र में मां भगवती की साधना सभी वांछित मनोकामनाएं पूर्ण होती है। श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान-नर्मदेश्वर महादेव मंदिर निकट फूटबॉल ग्राउंड, जगजीतपुर मे आयोजित श्रीमद् देवी भागवत ज्ञान यज्ञ के पाचवे दिन आचार्य पं.सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने बताया कि देवी भागवत में देवी की तीन प्रमुख चरित्र का वर्णन किया गया है प्रथम,मध्यम और उत्तम चरित्र। महिषासुर दैत्य के अत्याचार से संसार को मुक्त कराने के देवताओं द्वारा अपने तेजपुंज से देवी की दिव्य प्रादुर्भाव महालक्ष्मी के रूप हुआ और यही देवी महिषासुर का संहार करके महिषासुर मर्दनी बनीं। मध्यम चरित्र में मां जगदम्बा कौशिकी व कालिका बन शुंभ निशुंभ का वध करती है। उत्तम चरित्र में माता रानी की दिव्य कृपा राजा सुरथ और समाधी वैश्य प्राप्त करते हैं। देवी की यही पावन चरित्र दुर्गा सप्तशती के नाम से विख्यात है इनका विधिवत पूजन व पाठ किया जाय तो समस्त मंगलकामनाओं को पूर्ण करने व आसुरी वृत्तियों का संहार करने में सक्षम है। कथा संयोजक पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि भक्तों को मार्मिक कथा के साथ-साथ मधुर संगीत के द्वारा माता रानी की जसगान और आनंदित कर रहा है। महिला मंडल के सभी सदस्यगण व श्रद्धालुगण भाव से नृत्य करते हुए पावन पर्व को महोत्सव के रूप में आनंद ले रहे है। इस मौके पर पूनम पोखरियाल,निर्मला देवी,उमा रानी,प्रिंसी त्यागी,रुचि अग्रवाल,मोहिनी बंसल,उमा धीमान,शिखा धीमान,विनीता, किरण भट्ट,कमला भट्ट,मीनाक्षी भट्ट,मंजू उपाध्याय,पुरी रावत,किरण डबराल,कमला जोशी,प्रद्युम्न सिंह, हरीश चौधरी,विशाल शर्मा,आशीष पंत,प्रांजल शर्मा,अंकुर शुक्ला,कुलदीप शाह सहित अन्य भक्तजन मौजूद रहे।