संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा स्वामी शंभूदेव जी महाराज का जीवन: म मं. स्वामी अनंतानन्द

 


हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम में संस्था के परमाध्यक्ष महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में ब्रह्मलीन स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज की 49वीं पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ आयोजित की गयी। तीन दिवसीय गुरुजन स्मृति समारोह की अध्यक्षता म.मं. स्वामी अनन्तानन्द जी महाराज व संचालन रविदेव शास्त्री ने की। इस अवसर पर आचार्य गरीब दास जी की अखण्ड वाणी का पाठ व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में संत समाज ने स्वामी शंभू देव महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट की। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में म.मं. स्वामी अनन्तानन्द महाराज ने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव महाराज का समूचा जीवन संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव महाराज की स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु उनके शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद महाराज ने उनकी स्मृति में स्वामी शम्भुदेव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। स्वामी शंभू देव महाराज संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में जो योगदान दिया,वह अविस्मरणीय रहेगा। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व म.मं. स्वामी प्रमोदानन्द महाराज ने कहा कि अपने गुरुजनों की परम्परा पर चलते हुए स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री निरन्तर धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों व सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कुशल कार्यशैली से संस्था को ऊंचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है। इस अवसर पर नगर निगम में भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि श्री जगदीश आश्रम की धार्मिक परंपराओं व समाजहित के कार्य को आगे बढ़ाने का काम स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज निरन्तर कर रहे हैं। उन्होंने अपने गुरुदेव स्वामी शांतानंद महाराज के पद चिन्हों पर चलते हुए सेवा कार्यों की मिसाल कायम की है। वर्तमान में प्रतिदिन निराश्रित लोगों को भोजन वितरण करने का जो महान कार्य कर रहे हैं, वह जगदीश आश्रम की समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य है। गुरुजन स्मृति समारोह में आए हुए श्रद्धालु भक्तों, संत समाज का स्वागत करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान गद्दी नशीन महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरुदेव ने अपने जीवन काल में धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किया है वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकाश स्तम्भ बनकर उनका मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने स्वामी पं.शम्भुदेव महाराज व स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सद्गुरुदेव स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के जीवन काल में संस्था ने उत्तरोत्तर वृद्धि की है। मीरा चेतन आतिथेयम्,श्री स्वामी शंभु देव संस्कृत महाविद्यालय सहित हरियाणा,पंजाब में अनेकों संस्थाएं स्थापित की गई,जो धर्म सेवा का कार्य कर रही है। अपने गुरुजनों द्वारा स्थापित उच्च परम्पराओं का वह सदैव निर्वाह करेंगे। इस अवसर पर महंत मोहन सिंह,स्वामी विवेकानन्द ,आचार्य सूर्यदेव,महंत नित्यानन्द,दुर्गेश पुरी,स्वामी कमलानन्द,स्वामी धर्मदास,स्वामी रामानन्द ,स्वामी कमल मुनि,स्वामी अमृता नन्द,पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,महंत ऋषिश्वरानन्द ,महंत शुभम,महंत शिवम वशिष्ठ,स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती,स्वामी शिवशंकर गिरि,महंत जमुना दास,महंत सुतीक्ष्ण मुनि,स्वामी हितेश्वरा नंद,स्वामी केशवानन्द,स्वामी विवेकानन्द,संत हिमांशु,स्वामी ओमानन्द,संत जगत सिंह,स्वामी ज्ञानानन्द,स्वामी कृष्णदेव महाराज,महंत दिनेश दास,स्वामी प्रकाशानन्द महाराज प्रहलाद दास,महंत दुर्गादास ,विदित शर्मा,आकाश भाटीव्यापारी नेता सुनील सेठी,डॉ.डी.एन.बत्रा, दीपांशु वि़द्यार्थी,रूपेश शर्मा,नीरज शर्मा,राघव ठाकुर,गोपी सैनी समेत ट्रस्टीगण व देश भर से आये हुए श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।