समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती है मां भगवती-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि में मां भगवती का नौ दिन तक पूजन और अष्टमी और नवमी के दिन मां भगवती के निमित्त हवन यज्ञ कर कन्या पूजन किया जाता है तो मां प्रसन्न होकर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं। शास्त्री ने बताया कि कन्या पूजन में दो वर्ष से दस वर्ष तक की कन्या का ही पूजन करना चाहिए। दो वर्ष की अवस्था की कन्या को‘कुमारी कन्या’कहते हैं इनका पूजन करने से दुख तथा दरिद्रता दूर होती है,तीन वर्ष की कन्या ‘त्रिमूर्ति’ कहलाती है इसका पूजन करने से धर्म,अर्थ,काम तीनों की सिद्धि होती है। चार वर्ष की कन्या ‘कल्याणी’कही जाती है। जो इनका पूजन करता है उसे सर्वत्र विजय सुख प्राप्त होता है। पांच वर्ष की कन्या ‘रोहणी’ कहलाती है। शरीर में होने वाले रोगों का नाश इनका पूजन करने से होता है। छःवर्ष की कन्या ‘कालिका’ कहलाती है इसका पूजन करने से सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं। सात वर्ष की कन्या ‘चंडिका’ कहलाती है। इनका पूजन करने से ऐश्वर्य का विस्तार होता है। आठ वर्ष की कन्या ‘शांभवी’कहलाती है। इनका पूजन करने से किसी के द्वारा किया गया तंत्र मंत्र सम्मोहन समाप्त हो जाता है। नौ वर्ष की कन्या ‘दुर्गा’ कहलाती इसका पूजन करने से सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं और परलोक में जाकर सुख की प्राप्ति होती है। दस वर्ष की कन्या ‘सुभद्रा’ कहलाती है। इनका पूजन करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कैदियों को संबोधित करते हुए बताया कि मां भगवती की आराधना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने मां अपने बच्चों के अपराधों को क्षमा कर देती है। जेल में सजा काट रहे कैदी अपराध यदि मन से मां भगवती के चरणों में बैठकर क्षमा मांगे तो मां उन्हें क्षमा कर देगी। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि,स्वामी परमानंद, समाजसेवी आशीष मेहता,पंचपुरी हलवाई समाज के अध्यक्ष सोमपाल कश्यप,संजू अग्रवाल, भोलू कुमार,राकेश उपाध्याय,कमलेश उपाध्याय,अश्मित कौशिक,हर्ष पंडित,आशीष,सोनू,शशिकांत आदि मौजूद रहे।