शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक,मानसिक व बौद्धिक रूप से विकास करना ध्येय: बालकृष्ण

 पतंजलि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर गतिमान है: धनसिंह रावत


हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम‘अभ्युदय वार्षिकोत्सव’ के दूसरे दिन क्रीड़ा प्रतियोगिताएँ प्रारंभ की गईं। प्रतियोगिताओं की शुरूआत पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण,केन्द्रीय राज्य सहकारिता मंत्री बी.एल.वर्मा,प्रदेश के सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत तथा सहकारिता निबंधक आलोक पाण्डे ने दीप प्रज्ज्वलन कर कबड्डी व रस्साकसी प्रतियोगिताओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री वर्मा ने कहा कि स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने योग,आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उन्हें पूरा भारत दिखाई दे रहा है। यहाँ शिक्षा के साथ-साथ योग,संस्कृति व खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री भी निरंतर खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं,खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया इसी को इंगित करते हैं। आज हमारे भाई ही नहीं बहनें भी देश के लिए पदक ला रही हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय, अपने प्रांत व देश को आगे बढ़ाने का कार्य करें। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय स्वामी रामदेव जी के पुरुषार्थ से अनुप्रणित है। हमारा ध्येय विद्यार्थियों का शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक,मानसिक व बौद्धिक रूप से विकास करना है,जो खेलों से ही संभव है। उत्तराखण्ड के सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर गतिमान है। उन्होंने कहा कि सभी को आयुषमान कार्ड व आभा आई.डी.बनवाना है,इससे 5लाख रुपए की स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति की जानकारी दी। प्रातःकालीन सत्र में मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी.मल्होत्रा (से.नि.) ने कहा कि मैंने सेना में 35वर्ष सेवा दी है जहाँ खेलों को महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। उन्होंने कहा कि खेलों का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है,यह मात्र शारीरिक व्यायाम नहीं अपितु बहुत कुछ सिखाता है। खेलों से टीम भावना विकसित होती है। डॉ.मयंक अग्रवाल ने कहा कि अभ्युदय कार्यक्रम में मुझे सभी प्रतिभागियों के चेहरों पर अभ्युदय दिखाई पड़ रहा है। अभ्युदय का अर्थ है लौकिक उत्कर्ष,उन्नति और निरंतर उन्नति। खेल हमें शारीरिक तथा मानसिक विकास के साथ-साथ खेल भावना तथा आध्यात्कि विकास की ओर ले जाते हैं। मानसिक व्यायाम से हममे तीव्र गति से निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होती है। शनिवार को क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में रस्साकसी,कबड्डी,खो-खो,बैडमिंटन,दौड़,वॉलीबॉल,बास्केट बॉल,हैण्ड बॉल, क्रिकेट व एथलेटिक्स के खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाया। सभी वर्गों में लीग मैच समाप्त होने के बाद विजेता टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुँच चुकी हैं। 3000मीटर दौड़ में बी.ए.फाइनल इयर के नीरज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में शोभाराम प्रजापति,ब्लाक प्रमुख कविंदर चैधरी पतंजलि विश्वविद्यालय व पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के सभी अधिकारी गण,संकायाध्यक्ष, आचार्यगण, विद्यार्थी,संन्यासी भाई व साध्वी बहनें उपस्थित रहे।