हरिद्वार। कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर आयोजित त्रिदिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में शामिल हुए सभी संतों व भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि शिव ही परम कल्याणकारी देव हैं। भगवान शिव आदि हैं और समस्त चराचर में वे ही विद्यमान हैं। भगवान शिव के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक उपासक भगवान शिव के ही हैं। शेष सभी देव हैं, किन्तु एक भगवान शिव को ही महादेव कहा गया है। श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की ऋद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है। क्नखल क्षेत्र के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। यहां का कण-कण पूजनीय है। इससे पूर्व प्रातःकाल श्रीतिलभाण्डेश्वर महादेव की श्रृंगार आरती हुई। उसके पश्चात यज्ञ की पूर्णाहुति व श्रद्धालु भक्तों को भण्डार वितरित किया गया। इस अवसर पर महंत गोविन्द दास,नगर विधायक मदन कौशिक,वीरेन्द्र वत्स समालखा,अचला मल्होत्रा,विशाल गर्ग,अशोक शर्मा,प्रवीण गोयल,दिनेश दास,भारत भूषण,मोहित राणा,सतीश शर्मा,सचिन गुप्ता,दीक्षा मल्होत्रा आदि अनेक भक्त व संतगण मौजूद रहे।
परम् कल्याणकारी देव हैं भगवान शिव- त्रिवेणी दास
हरिद्वार। कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर आयोजित त्रिदिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में शामिल हुए सभी संतों व भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि शिव ही परम कल्याणकारी देव हैं। भगवान शिव आदि हैं और समस्त चराचर में वे ही विद्यमान हैं। भगवान शिव के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक उपासक भगवान शिव के ही हैं। शेष सभी देव हैं, किन्तु एक भगवान शिव को ही महादेव कहा गया है। श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की ऋद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है। क्नखल क्षेत्र के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। यहां का कण-कण पूजनीय है। इससे पूर्व प्रातःकाल श्रीतिलभाण्डेश्वर महादेव की श्रृंगार आरती हुई। उसके पश्चात यज्ञ की पूर्णाहुति व श्रद्धालु भक्तों को भण्डार वितरित किया गया। इस अवसर पर महंत गोविन्द दास,नगर विधायक मदन कौशिक,वीरेन्द्र वत्स समालखा,अचला मल्होत्रा,विशाल गर्ग,अशोक शर्मा,प्रवीण गोयल,दिनेश दास,भारत भूषण,मोहित राणा,सतीश शर्मा,सचिन गुप्ता,दीक्षा मल्होत्रा आदि अनेक भक्त व संतगण मौजूद रहे।