रमजान के पहले जुमे पर रोजेदारों ने नमाज अदा कर मांगी मुल्क की खुशहाली की दुआएं

 


हरिद्वार। माह-ए-रमजान के पहला जुमे पर रोजेदारों ने शहर और देहात की मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा कर मुल्क की सलामती और अमन-चैन की दुआएं मांगी। नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन की और से सुरक्षा के चाक चैबंद इंतजात किए गए थे।शुक्रवार को रमजान के पहले जुमे को ज्वालापुर की जामा मस्जिद,शाही मस्जिद,भेल मस्जिद,मस्जिद-ए-अंसारियान,खजूर वाली मस्जिद,मंडी की मस्जिद, मस्जिदें अली,मदीना मस्जिद,पांवधोई के साथ ही देहात के पथरी, धनपुरा, घिस्सुपुरा,बहादराबाद,सलेमपुर गढ़मीरपुर सहित तमाम इलाकों में रोजेदारों ने नमाज अदा की। मौलाना आरिफ ने रोजे की फजलीयत बयान करते हुए कहा कि रोजा केवल भूख प्यास का ही नहीं। बल्कि गलत बोलने और सुनने का भी होता है। इसलिए रोजे की हालत में गलत कामों, गलत सुनना, बोलना इन सभी से बचना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा कुरान पाक की तिलावत और नमाज पढ़कर गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। मंडी की मस्जिद के पेश इमाम हाफिज कुतुबुद्दीन ने कहा कि रमजान इस्लामिक महीनों में सबसे खास महीना होता है। इस महीने में इबादत कर गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। रमजान में गरीबों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। ईदगाह कमेटी के सेक्रेटरी हाजी नईम कुरैशी, हाजी इरफान अंसारी, रफी खान,छम्मा ठेकेदार,हाजी मुकर्रम अली,हाजी जमशेद खान,शाहनवाज अब्बासी ने सभी रोजेदारों को पहले जुमे की बधाई दी ओर कहा कि माह एक रमजान में नेकी के दरवाजे खुल जाते हैं। अल्लाह एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब अता करता है।