उत्तराखण्ड क्रान्ति दल राज्य आन्दोलन के कारणों के निराकरण हेतु गंगा जी से की प्रार्थना


 हरिद्वार। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ने गंगा से निवेदन किया है कि उत्तराखण्ड राज्य गठन की जो अवधारणा थी कि उत्तराखण्ड प्रदेश के गठन के पश्चात रोजगार हेतु मानव संसाधन के पलायन थम जायेगा,उत्तराखण्ड राज्यनिवासियों के हित का भूकानून,मूल निवास प्रमाण पत्र, उत्तराखण्डी किसान को अपनी उपज का उचित दाम व बाजार स्थानीय स्तर पर प्राप्त होगा। सरकार द्वारा खेत तैयार करने से लेकर फसल मंडी में विक्रय तक की हर प्रकार की सहायता प्रदान होगी। 21वीं सदी की शिक्षा,चिकित्सा व रोजगार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगे,जल- जंगल-जमीन का स्वप्रयोग हेतु अधिकार होगा।उत्तराखण्ड राज्य की अपनी नियामक नीति होगी,जिससे सरकार के साथ-साथ उत्तराखण्डी को भी लाभ होगा,यह सब राज्य गठन 25वर्ष(रजत काल) पूर्ण होने पर प्राप्त नहीं हुए हैं। गंगा मैयां से प्रार्थना की है कि उत्तराखण्ड क्रान्ति दल की गुहार को सुनकर गूंगी-बहरी उत्तराखण्ड सरकार तक उत्तराखण्डियों के हित में काम करे। ताकि हर उत्तराखण्डी एक समृद्ध व्यक्ति की तरह सम््मान से जीवन जी सके न कि केवल गैर प्रदेशीय निवासियों,व्यापारियों व उद्योगपतियों के हित मंे नियामक नितियां तैयार करके उत्तराखण्ड के मानव संसाधन को गरीबी,पलायन,अपनी ही भूमि पर बंधुआ की तरह जीवनयापन के लिये मजबूर न होना पडे। उत्तराखण्ड राज्यनिवासियों के हित मे ज्ञापन देने वालों में उक्रंाद के केंद्रीय सर्वोच्च सलाहकार समिति सदस्य रवींद्र वशिष्ठ व सरिता पुरोहित ,केन्द्रीय उपाध्यक्ष चै0 बृजवीर सिंह,केन्द्रीय सचिव आदेश मारवाडी,श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुमति अरोरा, हरिद्वार जिला उपाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय,जिला युवाध्यक्ष सुरेन्द्र उपाध्याय,जिला महामंत्री सुरेन्द्रसिंह रावत व तरूण जोशी व कुलदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।