गौ माता में है तेतीस कोटि देवी देवताओं का वास-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। कनखल स्थित श्री दारिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने गौ सेवा का महत्व बताते हुए बताया कि गौ माता के भीतर तेतीस कोटी देवी देवताओं का वास है। भगवान श्रीकृष्ण जब तक ब्रज मंडल में रहे। तब तक उन्होंने गौ माता की सेवा की। शास्त्री ने बताया कि एक बार मैया यशोदा ने बालकृष्ण से कहा कि लाल तुम गाय चराने के लिए वन में जाते हो। चरण पादुका पहन कर जाओ। तब बालकृष्ण ने मैया यशोदा से कहा कि मेरी गौ माता नंगे पैरों वन में जाती है। यदि आप मेरी गौ माता को चरण पादुका पहना सको तो मैं भी पहन लूंगा। मैया यशोदा के यहां पर नौ लाख गौ माता रहती है। जिनकी सेवा मैया यशोदा करती है, ना ही मैया यशोदा गौ माता को चरण पादुका पहना पाई और ना ही कन्हैया ने चरण पादुका धारण की। कन्हैया जब तक ब्रज मंडल में रहे तब तक नंगे पैरों ही माता की सेवा में समर्पित रहे। शास्त्री ने बताया कि मनुष्य कृष्ण भक्त तभी कहलायेगा। जब गौ माता की सेवा करेगा। प्रत्येक व्यक्ति को गौ माता के निमित्त नित्य प्रति गो ग्रास के रूप में प्रथम रोटी अर्पण करनी चाहिए। जिसने अपने जीवन में गौ सेवा कर ली समझ लो उसने समस्त देवी देवताओं की सेवा कर इस अवसर पर मुख्य जजमान चंद्र प्रकाश गुप्ता, राजेश गुप्ता, शैलेश गुप्ता, दिनेश गुप्ता, डीके गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अमन गुप्ता, पूजा गुप्ता, प्रियांशु गुप्ता, रुद्र गुप्ता, खुशी गुप्ता, कृष्ण कुमार शर्मा, नीरज कुमार शर्मा, रिचा शर्मा, सीमा गुप्ता, कुसुम गुप्ता, कुणाल गुप्ता आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।