समाज और देश के लिए अहिल्याबाई के योगदान को कभी नहीं भूलेंगे

 हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा नारी शक्ति पर एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष ई मधुसूदन अग्रवाल ‘आर्य‘ ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि भारत अब महिला शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश है। भारत का इतिहास बहादुर महिलाओं के लिए कभी खाली नहीं है,लेकिन यह गार्गी,विश्ववारा,जैसी महिला दार्शनिकों से भरा है और अन्य प्रसिद्ध महिलाएं जैसे मीराबाई,दुर्गाबाती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई, आदि हैं। भारत की सभी प्रसिद्ध ऐतिहासिक महिलाएं। इस उम्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। हम समाज और देश के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भूलेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा समाज में बहुत सारे जागरूकता कार्यक्रमों, नियमों और विनियमों के बाद भी,उसका जीवन एक आदमी की तुलना में अधिक जटिल है। उसे बेटी,पोती,बहन,बहू,पत्नी,माँ,सास,दादी,आदि के रूप में अपना और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखना पड़ता है। स्वयं,परिवार और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए बाहर आने और नौकरी करने में वह सक्षम है।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष बरेली की श्रीमती सुनीता शर्मा ने कहा कि महिलाएं हमारे समाज में उनके जन्म से लेकर जीवन के अंत तक विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आधुनिक समाज में कुशल भूमिका में सभी भूमिकाएं और समय पर नौकरी करने के बाद भी,वह कमजोर है क्योंकि पुरुष अभी भी समाज का सबसे मजबूत लिंग हैं। मुरादाबाद शहर सिविल लाइन की अध्यक्ष कुमकुम सिंह ने कहा कि देश की उचित सामाजिक और आर्थिक वृद्धि के लिए महिला शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुष और महिला दोनों सिक्के के दो पहलू की तरह हैं और समाज के दो पहियों की तरह समान रूप से चलते हैं। इसलिए दोनों देश में विकास और विकास के महत्वपूर्ण तत्व हैं और इस प्रकार शिक्षा में समान अवसर की आवश्यकता है। यदि दोनों में से कोई भी नकारात्मक पक्ष लेता है,तो सामाजिक प्रगति संभव नहीं है। नीना अग्रवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है जिसे सभी के प्रयास से तत्काल हल करने की आवश्यकता है। यह देश के विकास और विकास को बाधित कर रहा है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि देश की आधी आबादी को सभी पहलुओं में नुकसान पहुंचा रहा है। उत्तराखंड पश्चिम की प्रांतीय अध्यक्षा नीलम रावत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बहुत ही सरल शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि यह महिलाओं को शक्तिशाली बना रहा है ताकि वे अपने जीवन और परिवार और समाज में अच्छी तरह से होने के बारे में अपने निर्णय ले सकें। यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें समाज में उनके वास्तविक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इस अवसर पर डॉ.पवन सिंह भारतीय समाज में महिला सशक्तीकरण को वास्तव में लाने के लिए,समाज की पितृसत्तात्मक और पुरुष प्रधान प्रणाली वाली महिलाओं के खिलाफ कुप्रथाओं के मुख्य कारण को समझना और समाप्त करना होगा। इसे खुले मन से और संवैधानिक और अन्य कानूनी प्रावधानों के साथ महिलाओं के खिलाफ स्थापित पुराने दिमाग को बदलने की जरूरत है। वर्चुअल मीटिंग में इंजीनियर एमपीएस गोयल,संगीता सिंह,सत्यवती अग्रवाल,सरोज बंसल,शोभा शर्मा,मंगेश शर्मा, सविता गुप्ता,नीलिमा अग्रवाल,सपना बंसल,कार्मेंद्र सिंह,प्रो.मनुदेव बंधू,सुरेश चंद्र गुप्ता,जगदीश लाल पाहवा,विमल कुमार गर्ग,सुरेश चंद गुप्ता,राजीव राय, एम०पी०एस०गोयल,डॉ प्रेम प्रकाश,डॉ पवन सिंह,सतीश चंद गुप्ता,एड. शिवकुमार शर्मा,आर०बी० माथुर,विनोद अग्रवाल,कुलभूषण शर्मा,श्रीमती नीरजा अग्रवाल,सुनील कुमार गुप्ता, नवीन कुमार अग्रवाल,डॉ पंकज कौशिक,हेमंत सिंह नेगी,नानक चंद गोयल,डॉक्टर अतर सिंह,सुरेश कुमार विश्नोई,विजेंद्र बिश्नोई,सतीश अग्रवाल उपस्थित रहे।