हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय ब्रह्मऋषि मिशन भूपतवाला में आयोजित तीन दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ एवं संत सम्मेलन के संपन्न होने पर बड़ी संख्या में संत महापुरुषों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर ब्रह्म ऋषि आश्रम नीदरलैंड के अध्यक्ष स्वामी डॉ.दिनेश्वरानंद एवं ब्रह्मवादिनी साध्वी कृष्णकांता महाराज ने कहा की देवभूमि की पावन धरा से धर्म का जो संदेश प्रसारित होता है। वह विश्व भर के सनातन प्रेमियों को ज्ञान का बोध कराता है। हरिद्वार के संतो ने जिस प्रकार विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म को प्रस्तुत किया है वह सराहनीय है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि संतों का जीवन परमार्थ के लिए समर्पित रहता है। राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करना और सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाना ही संतों का परम कर्तव्य है। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवम एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि स्वामी डॉ. दिनेश्वरानंद महाराज विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष है। धर्म के संरक्षण संवर्धन में इनका योगदान हमेशा से अतुल्य रहा है। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि धर्मसत्ता एवं राजसत्ता के समन्वय से भारत जल्द ही पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। इस दौरान स्वामी ऋषिश्वरानंद,बाबा हठयोगी,महंत सुतिक्षण मुनि,महंत अनंतानंद,महंत लोकेश दास, महंत निर्मल दास,महंत दिनेश दास,योगी सत्यव्रतानंद, स्वामी कामेश्वर पुरी,महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास,महंत दुर्गादास,योगी आशुतोष,श्याम गिरी महाराज श्रवण दास महाराज शांति प्रकाश महाराज गगन देवगिरी महाराज वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज देहरादून बाबा रमेशानंद, परवीन कश्यप, मनोजानंद सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय ब्रह्मऋषि मिशन का तीन दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ संपन्न
हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय ब्रह्मऋषि मिशन भूपतवाला में आयोजित तीन दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ एवं संत सम्मेलन के संपन्न होने पर बड़ी संख्या में संत महापुरुषों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर ब्रह्म ऋषि आश्रम नीदरलैंड के अध्यक्ष स्वामी डॉ.दिनेश्वरानंद एवं ब्रह्मवादिनी साध्वी कृष्णकांता महाराज ने कहा की देवभूमि की पावन धरा से धर्म का जो संदेश प्रसारित होता है। वह विश्व भर के सनातन प्रेमियों को ज्ञान का बोध कराता है। हरिद्वार के संतो ने जिस प्रकार विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म को प्रस्तुत किया है वह सराहनीय है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि संतों का जीवन परमार्थ के लिए समर्पित रहता है। राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करना और सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाना ही संतों का परम कर्तव्य है। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवम एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि स्वामी डॉ. दिनेश्वरानंद महाराज विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष है। धर्म के संरक्षण संवर्धन में इनका योगदान हमेशा से अतुल्य रहा है। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि धर्मसत्ता एवं राजसत्ता के समन्वय से भारत जल्द ही पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। इस दौरान स्वामी ऋषिश्वरानंद,बाबा हठयोगी,महंत सुतिक्षण मुनि,महंत अनंतानंद,महंत लोकेश दास, महंत निर्मल दास,महंत दिनेश दास,योगी सत्यव्रतानंद, स्वामी कामेश्वर पुरी,महंत सूरज दास, महंत प्रहलाद दास,महंत दुर्गादास,योगी आशुतोष,श्याम गिरी महाराज श्रवण दास महाराज शांति प्रकाश महाराज गगन देवगिरी महाराज वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज देहरादून बाबा रमेशानंद, परवीन कश्यप, मनोजानंद सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।