मनुष्य को उसके कर्म महान बना देते हैं और कर्म ही समाज की नजर में गिरा देते हैं

 


हरिद्वार। श्यामपुर कांगड़ी स्थित विश्व शक्ति सिद्धपीठ कांगड़ी में सरस्वती पूजा,बसंत उत्सव कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संत महापुरुषों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी कमलेशानंद शाक्ताचार्य जी महाराज ने कहा धर्म कर्म और अच्छे संस्कार मनुष्य में उज्जवल भविष्य का निर्माण करते है।ं यह मनुष्य की संगत के ऊपर निर्भर होता है कि वह जो ग्रहण कर रहा है वह सही है या गलत मनुष्य को चाहिए कि जहां भी धर्म-कर्म के कार्य हो रहे हो कोई कथा यज्ञ अनुष्ठान हो रहा हो कुछ पल रुक कर उसका आनंद ले तथा भागवत चर्चा कानों में सुनाई देने से मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। अच्छे संस्कार मनुष्य को संत महापुरुषों के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की गंगा से ही प्राप्त हो सकते हैं। सनातन शक्ति अखाड़ा की इष्ट देवी आद्यशक्ति मां भगवती वाग् देवी सरस्वती की जयंती बसंत पंचमी के अवसर पर संत महापुरुषों का पावन सानिध्य ज्ञान की गंगा के रूप में विश्व शक्ति सिद्ध श्री पीठ कांगड़ी में बह रही है। इस अवसर पर श्री राम चरित्र मानस के अखंड पाठ का आयोजन श्री सौंदर्य लहरी स्तोत्र व ललिता सहस्रनाम स्त्रोत पाठ एवं श्री देवा नुग्रह यज्ञ आदि अनेको अनुष्ठान विधि विधान से संपन्न हुए। इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास ने कहा भगवान का भजन मनुष्य में अच्छे संस्कार तो उत्पन्न होते ही हैं साथ ही उसका लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। सचिव महंत बड़ा उदासीन अखाड़ा गोविंद दास जी महाराज ने कहा हरिद्वार के मठ मंदिर आश्रम अखाड़े विश्व भर में सनातन परंपरा को और अधिक प्रखर तथा मजबूत करने का कार्य करते हैं। महंत महानंद सरस्वती ने कहा धर्म कर्म और भगवान का भजन मनुष्य के जीवन को गौरवान्वित करते है।ं मनुष्य को उसके कर्म महान बना देते हैं और कर्म ही समाज की नजर में गिरा देते हैं, इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में सदैव स्थिर रहना चाहिए। अपने दायित्वों का अपने विवेक से भली भांति निर्वाहन करना चाहिए। स्वामी कृष्णदेव जी महाराज ने कहा संत महापुरुष सदैव जगत कल्याणकारी कार्यों में लगे रहते हैं। संत महापुरुषों के प्रत्येक कार्य में भक्तों का हित निहित होता है तथा जगत कल्याण की भावना से प्रेरित होकर स्वामी कमलेशानंद जी महाराज की तरह सदैव जगत कल्याण कार्यकारियों में निहित रहती हैं। इस अवसर पर महंत सूरज दास,  महंत रवि देव शास्त्री, महंत सुतीक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,महंत शांति प्रकाश महाराज, सतपाल ब्रहमचारी, महंत शुभम गिरी, महंत ऋषिश्वरानंद,बाबा हठयोगी,महंत गुरमल सिंह, महंत परमानंद, श्रवण दास, श्याम गिरी,रामदास महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित रहे।