त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन निराला स्वामी-सतपाल ब्रह्मचारी

 


हरिद्वार। भूपतवाला स्थित निराला धाम आश्रम में 35वें चालीस दिवसीय विराट शिव शक्ति महायज्ञ के समापन पर आश्रम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज के संयोजन में आयोजित संत सम्मेलन में सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद,ब्रह्मलीन गुरूमाता सुशीला देवी एवं ब्रह्मलीन संत निराला स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। संत सम्मेलन में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति एवं परम्शिव भक्त ब्रह्मलीन निराला स्वामी विलक्षण संत थे। राजमाता आशा भारती महाराज जिस प्रकार ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रही हैं। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। राजमाता आशा भारती महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूजनों एवं ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए संत समाज के सहयोग से सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी द्वारा शुरू की गयी विराट शिव शक्ति महायज्ञ की परंपरा को जारी रखते हुए प्रतिवर्ष आयोजन किया जा रहा है। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद, ब्रह्मलीन गुरूमाता सुशीला देवी एवं ब्रह्मलीन संत निराला स्वामी संत समाज की दिव्य विभूति थे। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार में ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। संत सम्मेलन का संचालन करते हुए स्वामी हरिहरानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। राजमाता आशा भारती महाराज के शिष्य स्वामी नित्यानंद महाराज ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। महामंडलेश्वर स्वामी ललितनंद गिरी महंत सूरज दास,महंत दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी शिवम महंत,महंत शिवानंद भारती, महंत जयराम दास,महंत बिहारी शरण,महंत रघुवीर दास,महंत नारायण दास पटवारी,महंत निर्भय सिंह,महंत सूर्यदेव महाराज,महंत ज्ञानानंद,महंत गोविंददास,महंत गुरमाल सिंह,महंत हितेश दास,महंत आलोक दर्शनानंद पुरी सहित बड़ी संख्या में संत,मुख्य जजमान रमेश मिड्डा, अर्जुनदेव मनचंदा,रेणु ठुकराल,जोगिंद्रपाल चानना,राकेश राजदेव,कृष्णदेव,राजकुमार,ओंकार कसाना व श्रद्धालुजन मौजूद रहे।