नेताजी सुभाष चन्द बोस की जयन्ती पर वेबिनार कर उन्हें स्मरण किया गया

 हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा नेताजी सुभाष चन्द बोस की जयन्ती पर वेबिनार कर उन्हें स्मरण किया गया। इस अवसर पर सोसाइटी के अध्यक्ष इंजी.मधुसूदन अग्रवाल‘आर्य‘ ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के सबसे महान क्रांतिकारियों में से एक थे। नेताजी ने ही आजाद हिंदी फौज का गठन किया था। ऐसे महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। बोस की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति योगदान का सम्मान करने के लिए 23जनवरी उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसा नाम है,जिसका जिक्र मात्र से ही देशभक्ति से ओतप्रोत हो जायेंग। सुभाष चंद्र बोस देश के हर नौजवान युवा के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इन्होंने भारत को न केवल राजनीतिक्ति क्षेत्र में ऊपर उठाया है,बल्कि भारत जो की कई वर्षो से अंग्रेजी हुकुमत की गुलाम बनी हुई थी। उसे अंग्रेजो से आजाद कराने में कई सारे योगदान और कार्य किए है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजो से लड़ने के लिए जापान की सहायता से “आजाद हिन्द फौज का गठन किया था”। चैप्टर के सचिव अरुण कुमार पाठक ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद के विचार से काफी प्रभावित हुए थे और इसी कारण इन्होंने स्वामी विवेकानंद को अपना आध्यात्मिक गुरु मान लिया था। गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में सुभाष घई बोस ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया था। देश की रक्षा और देश के खातिर ये कई बार जेल भी गए है। संयुक्त सचिव राकेश अरोड़ा ने कहा कि यह एक महान नेता थे। एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिए हैं। यह एक ऐसे व्यक्ति थे। जिन्होंने सदैव सत्य का साथ दिया और अपने देश से निस्वार्थ प्रेम किया है। इन्हें एक यूथ लीडर के नाम से जाना जाता था। डॉ पवन सिंह ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहे हैं। उन्होंने सभी को यह उपदेश दिया था कि कैसे हमें हमारे देश के प्रति अपने मन में प्रेम की भावना रखनी चाहिए। रेखा नेगी ने कहा कि नेताजी का नाम मात्र भारतीयों के दिलों में स्वतंत्रता की आग जला देता है। उनका जीवन,दुस्साहसी विद्रोह,अटूट दृढ़ विश्वास और परंपराओं को चुनौती देने वाली स्वतंत्रता की खोज की एक मनोरम कथा समान है,जो दुनिया के कई महाद्वीपों में गूंजती रहती है। वेबिनार में विभिन्न प्रान्तों से सोसाइटी के सदस्य जुड़े जिसमे डॉ.सुनील बत्रा,मयंक पोखरियाल,सर्वेश कुमार गुप्ता,हेमंत सिंह नेगी,सुनील त्रिपाठी,डॉ.महेंद्र आहूजा,शहनवाज खा, राजीव राय,सुरेश चन्द्र गुप्ता,नीलम रावत,विनोद कुमार मित्तल,डॉक्टर अरुण पाठक,एडवोकेट प्रशांत राजपूत,नरेश मोहन,विश्वास सक्सेना,अन्नपूर्णा बंधुनी,अविनाश चंद्र,अशोक राघव,विमल कुमार गर्ग,नूपुर पाल,नीलम रावत,साधना रावत,प्रीति जोशी,डॉ.मनीषा दीक्षित एवं विभिन्न प्रान्तों से जुड़े अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।