भगवान शनिदेव को मनाओ और सदा सुख पाओ-महंत कौशलपुरी

 हरिद्वार। कनखल स्थित काल भैरव मंदिर आशारोड़ी के परमाध्यक्ष महंत कौशलपुरी महाराज ने कहाकि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में तीन बार शनि की साढ़ेसाती आती है। प्रथम बार बचपन में, दूसरी बारी युवावस्था में और तीसरी बार वृद्धावस्था मे। मंदिर में आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए शनिदेव को मनाओ और सदा सुख पाओ। क्योंकि शनिदेव ही संकट को दूर भगाते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार की रात में काले चने पानी में भिगों दें। शनिवार को भीगे चनों का प्रसाद करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है। इसके अलावा अमावस्या की रात में 8 बादाम और काजल की डिबिया को काले कपड़ें में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है और कारोबार में बरकत होती है। उन्होंने कहा कि देवताओं के न्यायाधीश शनिदेव सद्मार्ग पर चलने और सत्य आचरण का पालन करने वालों पर सदैव प्रसन्न रहते हैं। इसलिए जीवन में सदैव सत्य आचरण का पालन करते हुए सद्मार्ग पर चलें। गरीब, असहाय लोगों की मदद करें। अपनी आय का दसवां हिस्सा धर्म कार्यो के लिए उपयोग करें। नशे से दूर रहें और सात्विक आहार और व्यवहार के नियम का पालन करें। उन्होंने कहा कि शनिदेव कृपालु देवता माने जाते हैं। जो लोग शनिदेव के नाम से भयभीत रहते। उन्हें सच्चे श्रद्धाभाव से शनिवार को शनिदेव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। शनिदेव की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी और परिवार में सुख समृद्धि का वास होगा।