हरिद्वार। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र ऋषिकुल हरिद्वार के तत्वावधान में ब्रह्माकुमारीज के संचालक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के 55वें स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा एक ऐसी प्रतिमूर्ति रहे है भगवान को भी महान आत्माओं की आवश्यकता होती है भगवान भी ऐसे रत्नों को चुनता है ब्रह्मा बाबा अपने जीवन काल में परमात्मा की प्रवेशता से पूर्व भी सम्पन्न और सम्पूर्णता की प्रतिमूरत थे,वे सर्वगुण सम्पन्न थे लेकिन फिर भी उसके बावजूद भी परमात्मा को ऐसी प्रतिमूर्ति को चुना और उन्होने अपना माध्यम बनाया। उनके अन्दर प्रवेश करके अपनी वाणी को पूरे संसार में फैलाने के लिए अपना आधार बनाया। ब्रह्मा बाबा सदा शान्त प्रवृत्ति के थे दुनिया के अन्दर हम बहुत शान्ति सम्मेलन करते है लेकिन वो शान्ति सम्मेलन सिर्फ भाषण करके इनाम देकर के अवार्ड देकर शान्ति सम्मेलन समाप्त हो जाते है। लेकिन ब्रह्मा बाबा ने अपने जीवन से उस शान्ति को दर्शाया ही नही है लेकिन वास्तविकता में शान्ति की मसाल बनकर के खुद ही नहीं बने लेकिन हजारो लाखों लोगों को भी इस मार्ग पर चलकर ऐसी प्रतिमूर्ति बना दिया। अक्रीयधाम वैरागी कैम्प हरिद्वार से पधारे महामण्डलेश्वर स्वामी अखलानन्द जी महाराज ने ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध के पश्चात यदि कोई शान्ति का दूत आया है या शान्ति का प्रतिक को महापुरूष आया है तो वो ब्रह्मा बाबा है। बुद्ध के जीवन में कभी युद्ध नहीं था आज हमारे देश के प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जाते है तो वहां बोलना पडता है कि मैं बुद्ध की धरती से आया हॅंू जहां बुद्ध है वहां युद्ध नहीं है और जहां ब्रह्मा बाबा की शान्ति है वहां भी युद्ध नहीं हो सकता है। रूडकी सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी गीता बहन ने कहा कि दुनिया में अनेक इतिहास बनाने वाले भी है कुछ बनाते है कुछ ऐसे भी है जो अपने कर्मो द्वारा इतिहास रचकर चले जाते है ऐसे कर्म या मार्कदर्शक या प्रेरणा स्रोत बनकर जाते है जिससे मनुष्य अगर उन पदचिन्हो पर चले तो भी अपनी मंजिल को पा सकते है। आज हम यहां शान्ति दिवस बनाने के लिए एकत्रित हुए है सब कहते है शान्ति चाहिए शान्ति चाहिए उस शान्ति के शान्तिदूत इस वर्तमान समय में अव्यक्त व्यक्त रूप में भी साकार रूप में भी प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को देखा इनकी सबके बडी विशेषता थी कि इनको बचपन से लेकर वो बहुत हीरो के बडे व्यापारी थी उन्होने घर से अपने व्यापार में कभी क्रोध नहीं किया। अक्रीयधाम वैरागी कैम्प हरिद्वार से पधारे महन्त गोपालानन्द महाराज जी ने कहा कि जो पिता होता है वह अपने बच्चों को एक सत्य व शान्ति की राह दिखाता है ठीक उसी प्रकार ब्रह्मा बाबा ने एक संस्था खडी कर दी उसी प्रकार से हम सबको उनकी प्रेरणा से उनके सत मार्ग पर चले। मंच का संचालन करते ही ब्रह्माकुमारी दीपिका बहन ने कहा कि हर परिस्थिति व कठिनाई को फेस करते हुए पार होते चले गये क्योंकि उन्होने परमात्मा के हर बात को सम्पूर्ण रीति सबको साथ लेकर अपने जीवन को और दूसरों के जीवन को जो परिवर्तन करने का जो अकल्पनीय कार्य किया। कार्यक्रम में डॉ0 रामानन्द,सिमरन,संतोष,राधेश्याम शर्मा,जयप्रकाश,सुशील गुप्ता,रणवीर कुमार,सुशील कुमार, मनीष,काजल,मंजू,मोनिका,वन्दना,सुनीता,सर्वेश,सरिता ,यशपाल सिंह,बी.के.दीपिका,बी.के.निवेदिता आदि ने लाभ लिया।
ब्रह्मा बाबा परमात्मा की प्रवेशता से पूर्व भी सम्पन्न और सम्पूर्णता की प्रतिर्मूित थे
हरिद्वार। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र ऋषिकुल हरिद्वार के तत्वावधान में ब्रह्माकुमारीज के संचालक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के 55वें स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा एक ऐसी प्रतिमूर्ति रहे है भगवान को भी महान आत्माओं की आवश्यकता होती है भगवान भी ऐसे रत्नों को चुनता है ब्रह्मा बाबा अपने जीवन काल में परमात्मा की प्रवेशता से पूर्व भी सम्पन्न और सम्पूर्णता की प्रतिमूरत थे,वे सर्वगुण सम्पन्न थे लेकिन फिर भी उसके बावजूद भी परमात्मा को ऐसी प्रतिमूर्ति को चुना और उन्होने अपना माध्यम बनाया। उनके अन्दर प्रवेश करके अपनी वाणी को पूरे संसार में फैलाने के लिए अपना आधार बनाया। ब्रह्मा बाबा सदा शान्त प्रवृत्ति के थे दुनिया के अन्दर हम बहुत शान्ति सम्मेलन करते है लेकिन वो शान्ति सम्मेलन सिर्फ भाषण करके इनाम देकर के अवार्ड देकर शान्ति सम्मेलन समाप्त हो जाते है। लेकिन ब्रह्मा बाबा ने अपने जीवन से उस शान्ति को दर्शाया ही नही है लेकिन वास्तविकता में शान्ति की मसाल बनकर के खुद ही नहीं बने लेकिन हजारो लाखों लोगों को भी इस मार्ग पर चलकर ऐसी प्रतिमूर्ति बना दिया। अक्रीयधाम वैरागी कैम्प हरिद्वार से पधारे महामण्डलेश्वर स्वामी अखलानन्द जी महाराज ने ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध के पश्चात यदि कोई शान्ति का दूत आया है या शान्ति का प्रतिक को महापुरूष आया है तो वो ब्रह्मा बाबा है। बुद्ध के जीवन में कभी युद्ध नहीं था आज हमारे देश के प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर जाते है तो वहां बोलना पडता है कि मैं बुद्ध की धरती से आया हॅंू जहां बुद्ध है वहां युद्ध नहीं है और जहां ब्रह्मा बाबा की शान्ति है वहां भी युद्ध नहीं हो सकता है। रूडकी सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी गीता बहन ने कहा कि दुनिया में अनेक इतिहास बनाने वाले भी है कुछ बनाते है कुछ ऐसे भी है जो अपने कर्मो द्वारा इतिहास रचकर चले जाते है ऐसे कर्म या मार्कदर्शक या प्रेरणा स्रोत बनकर जाते है जिससे मनुष्य अगर उन पदचिन्हो पर चले तो भी अपनी मंजिल को पा सकते है। आज हम यहां शान्ति दिवस बनाने के लिए एकत्रित हुए है सब कहते है शान्ति चाहिए शान्ति चाहिए उस शान्ति के शान्तिदूत इस वर्तमान समय में अव्यक्त व्यक्त रूप में भी साकार रूप में भी प्रजापिता ब्रह्मा बाबा को देखा इनकी सबके बडी विशेषता थी कि इनको बचपन से लेकर वो बहुत हीरो के बडे व्यापारी थी उन्होने घर से अपने व्यापार में कभी क्रोध नहीं किया। अक्रीयधाम वैरागी कैम्प हरिद्वार से पधारे महन्त गोपालानन्द महाराज जी ने कहा कि जो पिता होता है वह अपने बच्चों को एक सत्य व शान्ति की राह दिखाता है ठीक उसी प्रकार ब्रह्मा बाबा ने एक संस्था खडी कर दी उसी प्रकार से हम सबको उनकी प्रेरणा से उनके सत मार्ग पर चले। मंच का संचालन करते ही ब्रह्माकुमारी दीपिका बहन ने कहा कि हर परिस्थिति व कठिनाई को फेस करते हुए पार होते चले गये क्योंकि उन्होने परमात्मा के हर बात को सम्पूर्ण रीति सबको साथ लेकर अपने जीवन को और दूसरों के जीवन को जो परिवर्तन करने का जो अकल्पनीय कार्य किया। कार्यक्रम में डॉ0 रामानन्द,सिमरन,संतोष,राधेश्याम शर्मा,जयप्रकाश,सुशील गुप्ता,रणवीर कुमार,सुशील कुमार, मनीष,काजल,मंजू,मोनिका,वन्दना,सुनीता,सर्वेश,सरिता ,यशपाल सिंह,बी.के.दीपिका,बी.के.निवेदिता आदि ने लाभ लिया।