गुरु की महिमा ही श्रद्वालुओं को भवसागर में बेड़ा पार कराती है- श्रीमहंत रामवीर दास

 


हरिद्वार। श्यामपुर स्थित गाजी वाला में नौमी डेराधाम में पूज्य गुरुदेव दयाचंद जी महाराज की 22वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्वांजलि समारोह में संतो ने भावपूर्ण श्रद्वांजलि दी। आश्रम के श्रीमहंत रामबीर दास महाराज ने कहा कि इस धरती पर गुरु ही भक्तों के कल्याण का माध्यम है। भक्तों को सत्यकर्म धर्म कर्म यज्ञ अनुष्ठान भंडारे आदि के माध्यम से गुरु ही ईश्वर से जोड़ते हैं। गुरु ही भक्तों को उंगली पड़कर भवसागर का पार करते हैं। इस सृष्टि में गुरु से बढ़कर हमारा कोई बड़ा हितेषी नहीं। गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है। गुरु ज्ञान का विशाल सूर्य होते हैं उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्तों का जीवन धन्य और कृतार्थ हो जाता है, भक्तों को कल्याण का मार्ग मिल जाता है। गुरु ही भवसागर की नाव के नाविक है। समारोह में महंत सत्यव्रतानंद महाराज,महंत साक्षी गिरी महाराज,महंत मिथिलेश पुरी,महंत महानंद महाराज,हीरा दास,श्याम गिरी,सरवन दास,रामदास,शुक्राचार्य महाराज गगनदेव गिरी,वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी,रविंद्र शर्मा प्रवीण संदीप,प्रदीप, कल्लू सिंह,राकेश सिंह, सोनू बबलू सिंह, उदयवीर सिंह,संदीप परमार, गुड्डू तिवारी,राकेश सिंह सोनू सहित भारी संख्या में संत भक्तगण उपस्थित थे।