जूना अखाडा उत्तराखंड के समस्त तीर्थो का पवित्र कलश लेकर पहुची अयोध्या

 कलश यात्रा का पूरे यात्रा मार्ग में राम भक्तों ने पुष्प वर्षा कर पूजा अर्चना की 


हरिद्वार। रामलाल भगवान की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर होने वाले मांगलिक कार्यों के लिए हरिद्वार से उत्तराखंड के समस्त तीर्थो का पवित्र जल लेकर आ रही कलश यात्रा शुक्रवार को जूना अखाड़े के राम पौड़ी तुलसी घाट स्थित अवध दत्त अखाड़ा पहुंच गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी के नेतृत्व में गत 16 जनवरी को हर की पौड़ी हरिद्वार से मां गंगा की पूजा अर्चना कर गंगोत्री यमुनोत्री और पवित्र सरयू नदी के उद्गम स्थल बागेश्वर से लाए गए जल से पूरित पवित्र कलश तीन दिन की यात्रा के पश्चात हरिद्वार पहुंचे। श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि श्री राम मंदिर के भव्य मंदिर में रामलीला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में अपार उत्साह है कलश यात्रा का पूरे यात्रा मार्ग में राम भक्तों ने पुष्प वर्षा कर पूजा अर्चना की। स्थान स्थान पर कलश यात्रा के स्वागत के लिए लोग घंटों प्रतीक्षा करते रहे। पवित्र कलश यात्रा रथ अवध दत्त अखाड़ा जूना अखाड़ा राम की पौड़ी पहुंचा,जहां जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ,सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज,आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी महाराज, हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्रानन्द गिरी जी महाराज,जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज,दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री महंत नारायण गिरी महाराज,अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज,श्रीमहंत केदारपुरी,राष्ट्रीय मंत्री श्री महंत महेश पुरी,श्री महंत शैलेंद्र गिरी ,श्रीमहंत मनोज गिरी,थानापति महंत आशुतोष गिरि,महंत आदित्य गिरी आदि ने मंत्र उच्चारण के मध्य पवित्र कलशों की वैदिक परंपरा से पूजा अर्चना कर अवध दत्त अखाड़ा जूना अखाड़ा स्थित दत्तात्रेय चरण पादुका पर स्थापित किया। इससे पूर्व श्रीमहंत रवींद्र पुरी तथा श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के नेतृत्व में सभी संतो ने लता चौक की परिक्रमा की तथा पैदल कई किलोमीटर की यात्रा के दौरान जय श्री राम,हर हर महादेव के नारे लगाते हुए पवित्र नदी सरयू तट पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निर्विघ्न सफलता की कामना के साथ पूजा अर्चना की। श्री महंत हरि गिरी महाराज ने बताया हमारे वैदिक परंपरा है किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में तीर्थों से लाए गए पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है। इसी सनातन परंपरा के अनुसार हरिद्वार से गंगाजल तथा समस्त तीर्थो का जल कलशों में भरकर लाया गया है। उन्होंने बताया कि जूना अखाड़ा द्वारा भी उत्तराखंड की पवित्र छड़ी यात्रा के दौरान सभी तीर्थ तथा पवित्र नदियों का जल रामलला के अभिषेक के लिए लाया गया है। इन पवित्र कलशो में यमुनोत्री,गंगोत्री, मंदाकिनी, अलकनंदा,भागीरथी,शारदा,सरयू,गोमती,काली गंगा धौली गंगा,त्रिजुगी,विष्णु प्रयाग,देवप्रयाग तथा मां गंगा का जल लाया गया है। उन्होंने कहा शनिवार को अवध दत्त अखाड़ा से शुभ मुहूर्त में पवित्र कलशो की पूजा अर्चना कर रामलला के अभिषेक के लिए राम जन्मभूमि मंदिर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा भगवान राम हमारे रोम रोम में समाए है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर व्यर्थ में विवाद खड़ा किया जा रहा है। राम जन्मभूमि मुक्ति के 500वर्षों का इतिहास गवाह है कि इस आंदोलन में सन्यासी,बैरागी,सिक्ख,जैन,बौद्ध सभी धर्म के अनुयायियों ने अपने प्राणों का बलिदान किया है, भगवान राम सबके हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा सनातन धर्म की सैकड़ो वर्ष की कामना आज पूर्ण होने जा रही है। आज पूरा देश राममय में हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए मानो संपूर्ण देश ही अयोध्या बन गया है। महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि महाराज ने कहा भगवान राम एक मर्यादा है,संपूर्ण सनातन संस्कृति हैं,वह एक पूरी जीवन पद्धति है। उन्होंने प्राणी मात्र को अनुशासित जीवन जीने समाज परिवार और देश की प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने का संदेश दिया है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी ने कहा भगवान राम के दर्शन वही कर सकता है जिसे स्वयं भगवान राम ने बुलाया हो। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक मुद्दा बनाने वाले मुंह की खाएंगे। अयोध्या की नगरी के रक्षक राम भक्त हनुमान ने रामविरोधी तत्वों को पहले ही प्रवेश करने से निषिद्ध कर दिया है। अंर्तराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा जूना अखाड़े की पूरे देश में सभी मठों,मंदिरों व आश्रमों में 22जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी मठों मंदिरों को फूलों,दीपों,रंगबिरंगी रोशनियों से सजाया जाएगा। यह उत्सव 25जनवरी तक चलते रहेंगे।