शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा गुरुकुल ज्वालापुर: स्वामी रामदेव

 6 जनवरी को देश के रक्षा मंत्री करेंगे शिलान्यास,प्रदेश एवं म.प्र.के मुख्यमंत्री भी होंगे शामिल


हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस, पतंजलि योगपीठ महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती एवं गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानन्द जी की जयन्ती के अवसर पर पतंजलि योपगीठ परिवार विश्व के श्रेष्ठतम तथा विशालतम गुरुकुल ‘पतंजलि गुरुकुलम’ का शिलान्यास करने जा रहा है। गुरूवार को पत्रकारांे से वार्ता करते हुए पतंजलि योगपीठ के प्रमुख योगगुरू स्वामी रामदेव कहा कि स्वामी दर्शनानन्द जी द्वारा 118वर्ष पूर्व 3बीघा भूमि,3 ब्रह्मचारी तथा 3चवन्नी से प्रारंभ गुरुकुल का नाम हमने स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर रखा है,जो शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा। उन्होनंे कहा कि गुरुकुल ज्वालापुर की भूमि से एक नया इतिहास,नया कीर्तिमान रचा जाएगा। इस गुरुकुल का शिलान्यास देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। शिलन्यास कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव,केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी,एमिटी ग्रुप के चेयरमैन डॉ.अशोक चौहान सहित आर्य समाज के लगभग सभी विद्वान,विभिन्न गणमान्य,भजनोपदेशक और संन्यासी महापुरुष,हरिद्वार के सभी आचार्य महा मण्डलेश्वर और संत महात्मा उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि यहाँ से तीन बड़े प्रकल्प संचालित होंगे जिसमें पहला लगभग 250करोड़ की लागत से तैयार होने वाला 7मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम् होगा। इस गुरुकुल में लगभग 1500विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग 250करोड़ की लागत से आचार्यकुलम् की शाखा स्थापित की जाएगी जिसमें लगभग 5000बच्चे डे-बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे। साथ ही यहाँ महर्षि दयानन्द अतिथि भवन बनाने की भी योजना है। कहा कि यहाँ बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ वो संस्कार दिए जाएँगे जिससे वे अपनी संस्कृति व अपनी जड़ों से जुड़ सकें। पूरे देश में सनातन के गौरव का कालखण्ड चल रहा है। एक ओर सनातन का बोध,भारत का बोध और दूसरी तरफ आधुनिक विषयों का बोध,यानि देश की सर्वश्रेष्ट आध्यात्मिक शिक्षा, सनातन की शिक्षा,भारत बोध,चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का,गौरव व स्वाभिमान का भाव बच्चों के भीतर जागृत किया जाएगा। स्वामी जी ने कहा कि यहाँ श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा और श्रेष्ठतम प्राच्य विद्या दोनों का संगम होगा। हिन्दी,अंग्रेजी,संस्कृत से लेकर कम से कम विश्व की 5भाषाओं का बोध पतंजलि गुरुकुलम् व आचार्यकुलम् के बच्चों को होगा। उन्होंने कहा कि चौहान समाज के लोगों ने गुरुकुल की सुरक्षा करने में बड़ी भूमिका अदा की है,अतः यहाँ सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। वार्ता के दौरान पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण,पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री डॉ.यशदेव शास्त्री,पतंजलि फूड्स लि.के एम.डी.रामभरत,पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी देवप्रिया,आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा बहन ऋतम्भरा, क्रय समिति की अध्यक्षा बहन अंशुल,संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल,भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी.सिंह,पतंजलि योग समिति के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश‘भारत’ व स्वामी परमार्थदेव ,पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी.मल्होत्रा,उपाध्यक्ष-प्रोजेक्ट एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर शिवा प्रसाद गौरू,अनिल चौहान,छत्रपाल चौहान आदि उपस्थित रहे।