स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व भर में हिंदुत्व के विषय में लोगों को जानकारी प्रदान की

 हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया। सोसाइटी के अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन अग्रवाल‘आर्य‘ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक महान हिन्दू संत और नेता थे,जिन्होंने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष 12जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाते हैं। इनकी शिक्षा अनियमित थी, लेकिन इन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। श्री रामकृष्ण से मिलने के बाद उनके धार्मिक और संत का जीवन शुरू हुआ और उन्हें अपना गुरु बना लिया। इसके बाद इन्होंने वेदांत आन्दोलन का नेतृत्व किया और भारतीय हिन्दू धर्म के दर्शन से पश्चिमी देशों को परिचित कराया। चैप्टर के सचिव अरुण कुमार पाठक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी उन महान व्यक्तियों में से एक है, जिन्होंने विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया। अपने शिकागो भाषण द्वारा उन्होंने पूरे विश्व भर में हिंदुत्व के विषय में लोगों को जानकारी प्रदान की,इसके साथ ही उनका जीवन भी हम सबके लिए एक सीख है। संयुक्त सचिव राकेश अरोड़ा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने छोटे से जीवनकाल में ऐसे-ऐसे कार्य किये थे कि जिससे हमारे देश की अनेकों पीढ़ियों का मार्गदर्शन हो सकता है। स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं,जो अपने जीवन के बाद भी लोगो को निरंतर प्रेरित करने का कार्य करते हैं। यदि हम उनके बताए गये बातों पर अमल करें,तो हम समाज से हर तरह की कट्टरता और बुराई को दूर करने में सफल हो सकते हैं। संगठन सचिव एसएस राणा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण से मिलने के बाद उनके धार्मिक और संत का जीवन शुरू हुआ और उन्हें अपना गुरु बना लिया। संयुक्त सेक्रेटरी मयंक पोखरियाल ने कहा कि स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की समृद्ध और विविध विरासत,अद्वैत,निस्वार्थ प्रेम और राष्ट्र के प्रति सेवा का संदेश दिया। सर्वोच्च गुणों से युक्त उनके सम्मोहक व्यक्तित्व ने युवा मन को आलोकित कर दिया। उनकी शिक्षाओं ने उनमें आत्मा की शक्ति का बोध जगाया। डॉ पवन सिंह ने कहा कि स्वामी जी ने भारत का गौरव बढ़ाया और संसार के समक्ष भारत की एक अनुपम तस्वीर प्रस्तुत की थी। स्वामी विवेकानंद जी ने अपने स्पर्श के साथ दुनिया में एक गतिशील विश्व प्रेमी के रूप में गये थे। स्वामी जी के कार्य आज भी आदर्श और प्रेरणा के स्त्रोत हैं। कन्याकुमारी में समुद्र के बीच बना विवेकानंद स्मारक जिनकी स्मृति को संजो कर रखे हुए है। वेबिनार में विभिन्न प्रान्तों से सोसाइटी के सदस्य जुड़े जिसमे जगदीश लाल पाहवा,डॉ सुनील बत्रा,सर्वेश कुमार गुप्ता,हेमंत सिंह नेगी,सुनील त्रिपाठी,डॉ महेंद्र आहूजा, शहनवाज खा,राजीव राय,सुरेश चन्द्र गुप्ता,नीलम रावत,रेखा नेगी,विनोद कुमार मित्तल,डॉक्टर अरुण पाठक, एडवोकेट प्रशांत राजपूत,नरेश मोहन,विश्वास सक्सेना,अन्नपूर्णा बंधुनी,अविनाश चंद्र,अशोक राघव,विमलकुमार गर्ग, नूपुर पाल, नीलम रावत,साधना रावत,प्रीति जोशी,डॉ मनीषा दीक्षित एवं विभिन्न प्रान्तों से जुड़े अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।