हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी,अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इंकार करने फैसले की आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस की सनातन धर्म विरोधी सोच का प्रतीक बताया है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही राम मंदिर की विरोधी रही है। तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने हमेशा राम मंदिर के निर्माण में बाधाएं खड़ी की। पांच सौ वर्षो के संघर्ष के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से राम मंदिर का निर्माण हुआ तो कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है। सनातन धर्म विरोधी सोच का नतीजा कांग्रेस को लगातार भुगतना पड़ रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राम मय हो चुका है। पूरे देश में उल्लास का वातावरण है। लोग बड़ी उत्सुकता से मंदिर में राम लला के विराजमान होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए ससम्मान दिए गए निमंत्रण को ठुकराकर एक बार फिर सनातन धर्म विरोधी सोच का परिचय दिया है। जिसका नुकसान 2024 में कांग्रेस को उठाना पड़ेगा।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने की कांग्रेस के फैसले की आलोचना
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी,अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इंकार करने फैसले की आलोचना करते हुए इसे कांग्रेस की सनातन धर्म विरोधी सोच का प्रतीक बताया है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही राम मंदिर की विरोधी रही है। तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने हमेशा राम मंदिर के निर्माण में बाधाएं खड़ी की। पांच सौ वर्षो के संघर्ष के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से राम मंदिर का निर्माण हुआ तो कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है। सनातन धर्म विरोधी सोच का नतीजा कांग्रेस को लगातार भुगतना पड़ रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राम मय हो चुका है। पूरे देश में उल्लास का वातावरण है। लोग बड़ी उत्सुकता से मंदिर में राम लला के विराजमान होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए ससम्मान दिए गए निमंत्रण को ठुकराकर एक बार फिर सनातन धर्म विरोधी सोच का परिचय दिया है। जिसका नुकसान 2024 में कांग्रेस को उठाना पड़ेगा।