ब्रहम्लीन स्वामी कल्याणानंद सरस्वती को दी संतो सहित श्रद्वालुओं ने दी श्रद्वांजलि


 हरिद्वार। कनखल स्थित श्री मानव कल्याण आश्रम मे स्वामी कल्याणानंद जी महाराज की पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर संत समागम को संबोधित करते हुए जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय पूर्व सचिव श्रीमहंत देवानंद सरस्वती ने कहा संत महापुरुषो के श्रीमुख से कदम-कदम पर बहने वाली ज्ञान की गंगा भक्तों के लिए कल्याणकारी है। संत महापुरुषों का पावन सानिध्य मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाता है। श्रीमहंत देवानंद सरस्वती ने कहा गुरु इस कलयुग में भक्तों के तारणहार हैं, गुरु ही लोक और परलोक दोनों सुधार देते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा धर्म कर्म के कार्य और अच्छी संगत मनुष्य में अच्छे संस्कार उत्पन्न करती है। प्रत्येक मनुष्य को भले बुरे का ज्ञान होना अति आवश्यक है। यह ज्ञान मनुष्य को गुरु से प्राप्त होता है। गुरु भक्तों को अच्छा ज्ञान और संस्कार देकर कल्याण की ओर अग्रसर करते हैं। इस संसार में गुरु ईश्वर के प्रतिनिधि हैं जो सच्चे मन से गुरु की आज्ञा का पालन करता है गुरु की आराधना करता है उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। श्री मानव कल्याण आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष सीके अग्रवाल ने कहा धर्म कर्म के कार्य मनुष्य में अच्छे चरित्र अच्छे संस्कार उत्पन्न करते है। गुरु की शरण बड़े ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होती है। इस अवसर पर बोलते हुए महामंत्री अनिरुद्ध भाटी ने कहा संत महापुरुष संपूर्ण विश्व में सनातन परंपरा को और अधिक मजबूत करने का कार्य करने के साथ-साथ भक्तों को धर्म कर्म के माध्यम से ईश्वर से जोड़ते हैं। उन्हें कल्याण की ओर ले जाते हैं,गुरु ही भक्तों को सही दिशा प्रदान करते हैं। पूज्य स्वामी कल्याणानंद सरस्वती भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाने वाले एक विद्वान ज्ञान मूर्ति संत थे। उन्होंने अपनी भक्ति अपने तपोबल से भक्तों को सदैव कल्याण का मार्ग दिखाया। इस अवसर पर स्वामी दुर्गेशानंद सरस्वती, स्वामी हंसानंद सरस्वती, स्वामी शुक्राचार्य महाराज, धर्मदास महाराज, कोतवाल रमेशानंद, देहरादून बाबा श्याम गिरी, महाराज वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण, सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे सभी ने आयोजित भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।