गुरु की महिमा का वर्णन शब्दों में किया जाना संभव नहीं -महंत श्यामसुंदर दास

 


हरिद्वार श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम कांगड़ी में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए आश्रम के पीठाधीश्वर श्री महंत श्याम सुंदर दास जी महाराज ने कहा गुरु ही माता पिता है और गुरु ही बंधु सखा है। गुरु की महिमा का वर्णन शब्दों में किया जाना संभव नहीं जिस प्रकार माता पिता अपने बच्चों का वृद्धा अवस्था में अपनी सेवा हेतु स्वार्थ भाव से पालन पोषण करते हैं। उसमें अच्छे संस्कारों का निर्माण करते हैं उसके भविष्य को सफल बनाने के लिए चिंतित रहते हैं। इस प्रकार हम लोगों के गुरुदेव सदैव अपने भक्तजनों के कल्याण उनके उत्थान उनमें अच्छे संस्कार भरने के लिए सदैव उत्साहित रहते हैं। इसमें गुरु का कोई स्वार्थ नहीं छिपा होता सिर्फ उनके मन में शिष्य को उच्च शिखर पर पहुंचने की अच्छे संस्कार देने की निस्वार्थ भावना होती है। गुरु के चरणों में ही कल्याण छुपा हुआ है गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है। पूज्य पंडित राम गोपाल जी महाराज अलवर वाले बाबा ज्ञान और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। उन्होंने अपने तपोवल से अपने लाखों भक्तों का कल्याण किया। अपने लाखों भक्तों को दुखों और कष्टो से निजात दिलाई और सदैव जगत कल्याण की भावना से आम जनमानस की सेवा में लग रहे। उनके जैसा परम प्रतापी संत बिरला ही प्राप्त होता है। उन्होंने निस्वार्थ भाव से आम जनमानस के कल्याण के लिए सभी को भगवान बालाजी की   कृपा से सत्य की राह दिखाई। इस अवसर पर बोलते हुए मां अंजना देवी मंदिर के श्रीमहंत सतीश गिरी ने कहा गुरु से बड़ा मार्गदर्शक इस सृष्टि में कोई नहीं। इस अवसर पर बोलते हुए गुरुराम सेवक उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास जी महाराज ने कहा गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान गुरु के ही चरणों में छुपा है भक्तों का कल्याण इस अवसर पर श्रीमहंत सतीश गिरी,महंत वरुण शर्मा, स्वामी कमलेशानंद महाराज, आचार्य डॉ राजेश ओझा, महंत ऋषिश्वरानंद महाराज,डॉ नंदकिशोर पुरोहित,बाबा हठयोगी महाराज, स्वामी ज्ञानेंद्र गोपाल गर्ग,महेंद्र चौहान,विजय कुमार मिश्रा,अतुल गोयल,अशोक त्यागी,विजय बूटन,बबलू कुमार,सुनील कुमार, अरविंद कुमार,गजेंद्र पाल सहित भारी संख्या में संत एव श्रद्वालु उपस्थित थे।