सभी धर्मो का मुख्य शास्त्र सिरोमणी शास्त्र गीता है- ब्रह्माकुमारी मीना बहन


 हरिद्वार। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विष्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र ऋषिकुल हरिद्वार के तत्वावधान में गीता जयंती दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन ने कहा कि सभी धर्मो का मुख्य शास्त्र सिरोमणी शास्त्र गीता है गीता का अन्दर सारा निचोड है हमें इन विकारों को जीतने के लिए ये किसी शस्त्र से नहीं जीते जा सकते इसके लिए सबसे बडा शस्त्र है स्मृतिलब्धा। जब तक तू उसकी याद में स्थित नहीं होगा क्योंकि परमात्मा से ही ये शक्ति हमें मिल सकती है जिस शक्ति के आधार से हम इन विकारों को जीत सकते है। शास्त्र के अन्दर तो ऐसा समझा जा रहा था शायद इसके लिए स्थूल हथियारों का प्रयोग करना पडेगा लेकिन ये स्थूल हथियारों की बात नहीं है ये वास्तव में सूक्ष्म हथियार है विकार भी सूक्ष्म है और हथियार भी सूक्ष्म है स्मृतिलब्धा जब हम बन जायेगें। तो याद की शक्ति से ये सारे के सारे विकार है वो अपने आप ही परास्त हो जायेगें। क्योकि परमात्म शक्ति एक ऐसी शक्ति है कि वो शक्ति हर विकारों को धरासाही करने वाली है हर बुराई को धरासाई करने वाली है पवित्र के अन्दर भी वो बल है जिसका आज दिन तक समझ नहीं पाया है लेकिन वास्तव में जिस-जिस ने इस विकार को जीता और आगे बढा तो वास्तव में उसका अनुभव भी वही है उसको मालूम पडता है किस किस प्रकार से विकार को जीतने से हमें शक्ति प्राप्त होती है। मंच का संचालन ब्रह्माकुमार सुशील भाई द्वारा करते हुए कहा कि राजयोग का अभ्यास करते हुए कहा कि जैसे हम किसी वस्तु को देखते है उसकी फोटो अपने मन में खिंच लेते है जब भी हम उस वस्तु का नाम लेते है उसकी फोटो हमारे अन्दर विचरण करने लगती है परन्तु जब भी हम भगवान को याद करते है तो हमारे मन में कभी कोई चित्र आता है तो कभी कोई चित्र। जब भी हम उस परमात्मा शिव को याद करे तो उसका रूप हमारे अन्दर विचरण करना चाहिए। तब ही हमारी बुद्धि उस परमात्मा शिव में लग पायेगी। तब ही हमारा मन स्थिर हो पायेगा। कार्यक्रम में डॉ0 रामानन्द राधेश्याम शर्मा, जयप्रकाश,सुशील गुप्ता,रणवीर कुमार,सुशील कुमार,मनीष,सुमन,काजल,मंजू,मोनिका,वन्दना, सुनीता,सर्वेश,सरिता,यशपाल सिंह,बी.के. दीपिका,बी.के.निवेदिता आदि ने लाभ लिया।