हरिद्वार। स्वास्थ्य और स्वच्छता कंपनी, रेकिट ने अपने प्रमुख अभियान डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के तहत भारत में सबसे बड़े स्वच्छता ओलम्पियाड डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड के दूसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। जिसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय के छात्र सोमेश पंवार ने स्तर 1 (कक्षा 1-2) में पहला स्थान प्राप्त किया। मुंबई में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन-10 के लॉन्च अवसर पर 15 ओलम्पियाड विजेताओं को उनके शिक्षकों के साथ सम्मानित किया गया। सोमेश पवार, उत्तरकाशी के अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। सोमेश के पिता,दीवान सिंह नभाटा और माता,विनीता पवार,एक साधारण परिवार से हैं और वे खेती से अपना भरण-पोषण करते हैंओलंपियाड में देशभर में कुल 15 छात्रों को नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। रवि भटनागर,डायरेक्टर,एक्सटर्नलअफेयर्स एंड पार्टनरशिप,एसओए ,रेकिट ने कहा,“डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड (डीएचओ) के दूसरे संस्करण के आश्चर्यजनक परिणामों को देखकर हम काफी खुश हैं,जिसने भारत के दूर-दराज के इलाकों,अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर बसे आखिरी गांव नामसाई और अंजा से लेकर गुजरात के सुदुर में तलाला तक,सिक्किम में नेपाल सीमा के पास उत्तरे और मिजोरम में चंपई से लेकर कश्मीर में बड़गाम तक,पहुंचने का कठिन काम किया है।
डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड में उत्तरकाशी के सोमेश पवार ने प्राप्त किया पहला स्थान
हरिद्वार। स्वास्थ्य और स्वच्छता कंपनी, रेकिट ने अपने प्रमुख अभियान डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के तहत भारत में सबसे बड़े स्वच्छता ओलम्पियाड डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड के दूसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। जिसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय के छात्र सोमेश पंवार ने स्तर 1 (कक्षा 1-2) में पहला स्थान प्राप्त किया। मुंबई में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन-10 के लॉन्च अवसर पर 15 ओलम्पियाड विजेताओं को उनके शिक्षकों के साथ सम्मानित किया गया। सोमेश पवार, उत्तरकाशी के अठाली स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। सोमेश के पिता,दीवान सिंह नभाटा और माता,विनीता पवार,एक साधारण परिवार से हैं और वे खेती से अपना भरण-पोषण करते हैंओलंपियाड में देशभर में कुल 15 छात्रों को नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। रवि भटनागर,डायरेक्टर,एक्सटर्नलअफेयर्स एंड पार्टनरशिप,एसओए ,रेकिट ने कहा,“डेटॉल हाईजीन ओलम्पियाड (डीएचओ) के दूसरे संस्करण के आश्चर्यजनक परिणामों को देखकर हम काफी खुश हैं,जिसने भारत के दूर-दराज के इलाकों,अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर बसे आखिरी गांव नामसाई और अंजा से लेकर गुजरात के सुदुर में तलाला तक,सिक्किम में नेपाल सीमा के पास उत्तरे और मिजोरम में चंपई से लेकर कश्मीर में बड़गाम तक,पहुंचने का कठिन काम किया है।